बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्युचुअल फंड के आला अधिकारियों और ट्रस्टियों पर कुल मिलाकर 15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना बंद की जा चुकी छह योजनाओं के प्रबंधन में सेबी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है।
नियामक ने फटी ट्रस्टी सेवाओं पर 3 करोड़ रुपये और मुख्य कार्याधिकारी संजय सप्रे और मुख्य निवेश अधिकारी संतोष कामत पर 2-2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा पांच फंड मैनेजरों पर 1.5-1.5 करोड़ रुपये और मुख्य अनुपालन अधिकारी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है।
सेबी ने अपने आदेश में कहा, फ्रैंकलिन म्युचुअल फंड की तरफ से गंभीर खामी व नियमों का उल्लंघन निश्चित तौर पर नजर आता है, जो उच्च प्रतिफल वाली रणनीति में जोखिम के पहलू पर ध्यान दिए बिना किया गया। एफटी एमएफ को अहसास होना चाहिए कि उच्च जोखिम वाली रणनीति का पिछला ट्रैक रिकॉर्ड भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं के खिलाफ गारंटी नहीं है।
एफटी एमएफ ने कोरोना महामारी के कारण नकदी संकट का हवाला देते हुए अप्रैल 2020 में छह डेट योजनाओं को बंद कर दिया था।
एफटी एमएफ ने एक बयान में कहा कि वह सेबी के आदेश के खिलाफ अपील करेगा। उसने कहा है, ‘हमारा मानना है कि कंपनी और कर्मचारियों ने नियमों के अनुरूप कार्य किया है और यह जिम्मेदारियों के निर्वहन में यूनिटधारकों के हित में है। आदेश की शुरुआती समीक्षा के आधार पर हम अगले संभावित कदमों के साथ सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जिनमें प्रतिभूति अपीलीय पंचाट (सैट) के समक्ष अनुरोध करना भी शामिल हो सकता है।’
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि एफटी ट्रस्टी सर्विसेज सेवा के उच्च मानकों पर खरी उतरने, उचित जांच प्रक्रिया, उचित निगरानी सुनिश्चित करने और यह तय करने के लिए कदम उठाने के संदर्भ में स्वतंत्र पेशेवर निर्णय लेने में विफल रही कि एफटी एमएफ ने योजनाओं के लिए अनकदी पैदा करने के तरीके से लेनदेन नहीं किया।
ट्रस्टी ने अपने जवाब में कहा था, ‘उसने ट्रस्टी के बोर्ड के लिए हेड-रिस्क मैनेजमेंट की प्रजेंटेशन को ध्यान में रखते हुए नियमित तौर पर जोखिम प्रबंधन कार्य के तहत विभिन्न तरलता विश्लेषणों पर नजर रखी। मार्च 2020 के मध्य तक, ऐसी प्रजेंटेशनों में किसी तरह की गंभीर या त्वरित तरलता संबंधित चिंताओं को रेखांकित नहीं किया गया था। जब मार्च 2020 के बाद के पखवाड़े में योजनाओं में नकदी संकट का पता ट्रस्टी को चला तो उसने यह सुनिश्चित करने के लिए एएमसी के साथ कार्य किया कि इसे दूर किया जाए और ट्रस्टी बोर्ड के लिए पेश विभिन्न विकल्पों पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया, जिनमें बिकवाली रोकने, उधारी सीमा में वृद्घि करना आदि शामिल था।’
सेबी ने अपने आदेश में यह भी कहा कि ट्रस्टी और संबद्घ लोगों के लिए यूनिटधारकों के हित में ईमानदारी के साथ कार्य करना जरूरी है। नियामकीय शर्तों के गैर-अनुपालन या उल्लंघन से म्युचुअल फंड में यूनिटधारकों के बीच पैदा हुआ विश्वास टूट जाएगा।
सोमवार को एक अलग आदेश में सेबी ने माईविश मार्केटप्लेसेज पर भी 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। यह एफटी एमएफ की सहायक कंपनी है। यह जुर्माना योजनाएं पूरी होने से कई सप्ताह पहले 22 करोड़ रुपये की यूनिट भुनाने की वजह से लगाया गया।
