प्रॉसेस्ड फूड से मुनाफा खाएगा ‘फूड बाजार’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:01 AM IST

फ्यूचर समूह की सुपर मार्केट चेन फूड बाजार इस साल अपने ब्रांड का विस्तार करने की योजना बना रही है।


कंपनी इस साल कई नए खाद्य ब्रांड बाजार में उतारने के बारे में सोच रही है। इसके जरिये कंपनी क्षेत्रीय स्तर पर भी ग्राहकों से जुड़ने और बाजार में चल रही कीमतों की जंग में बने रहने की कोशिश कर रही है।

अपने ब्रांड का मोह

फूड बाजार के मुख्य कार्यकारी सदाशिव नायक ने बताया कि कंपनी स्टोर में लगभग 300 श्रेणियों में उत्पाद बेचती है। इसमें से 40 उत्पाद कंपनी के ही होते है। इस साल कंपनी कन्फेक्शनरी के क्षेत्र में आने की योजना बना रही  है। कंपनी की योजना बेवरेज और स्नैक्स की श्रेणी में भी अपने ब्रांड शुरू करने की है। कंपनी इन उत्पादों को उसी श्रेणी में मौजूद बड़ी कंपनियों के उत्पादों से लगभग 5-15 फीसदी कम दामों में बेचेगी।

फिलहाल फूड बाजार डिटर्जेंट, हैंडवॉश, अगरबत्ती, तेल, घी, मसालें और प्रोसेस्ड फूड्स श्रेणी में अपने उत्पाद बेचती है। छह महीने या एक साल के भीतर ही फूड बाजार चॉकलेट्स,मिठाई और बाकी कन्फेक्शनरी उत्पादों की श्रेणी में अपने उत्पाद भी बेचेगी। पर्सनल केयर उत्पादों की श्रेणी में कंपनी ‘सीक्रेट्स’ नाम से नेलपॉलिश भी लॉन्च करने वाली है। इसके साथ ही कंपनी कोला जैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स की श्रेणी में भी आने की योजना बना रही है।

स्नैक्स में लगेगा तड़का

नायक ने बताया, ‘अभी हमने कोला को मुंबई में अपने स्टोर में टेस्टी ट्रीट ब्रांड के तहत पेश उतारा है। इसे लेकर ग्राहकों की प्रतिक्रिया के बाद ही हम इसे देश भर में लॉन्च करेंगे।’ फूड बाजार अपने सॉफ्ट ड्रिंक उत्पादों की शृंखला का विस्तार करने की योजना भी बना रही है। स्नैक्स श्रेणी में कंपनी चिप्स और कुकीज के अलावा और भी उत्पाद लॉन्च करने की योजना बना रही है।

हेल्थ में है वेल्थ

नायक ने बताया कि इस वक्त सबसे ज्यादा फायदा हेल्थ और वेलनेस उत्पादों में है। फूड बाजार इस श्रेणी में भी उतरने की योजना बना रहा है। अभी कंपनी की कुल आय में से कंपनी के उत्पादों का हिस्सा 5 फीसदी ही है। 18 महीने पहले यह आंकड़ा 3.5 फीसदी ही था। अपने ब्रांड होने से फूड बाजार को उत्पादों के प्रमोशनों में भी आसानी रहती है। बाकी कंपनी के उत्पादों के लिए फूड बाजार को उन कंपनियों की प्रमोशन नीति के हिसाब से ही चलना होता है। महंगाई के बढ़ने के कारण जहां बाकी कंपनियों के उत्पादों के दाम भी बढ़ रहे हैं वहीं खुद के  ब्रांड से कंपनी को कीमतों पर नियंत्रण रखने में आसानी रहती है।

बाजार होगा दोगुना

उद्योग के अनुमान के अनुसार भारतीय खाद्य बाजार लगभग 2,50,000 करोड़ रुपये का है और 2020 तक इस आंकड़े के दोगुने होने के  अनुमान लगाए जा रहे हैं। क ामकाजी महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण भी प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी है।

इस कारण अक्सर घर में बने हुए भोजन को ज्यादा तवज्जो देने वाला मध्यम वर्ग अब इन पदार्थों को खरीदने में सबसे आगे है।  इसी कारण प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का बाजार भारत में सालाना 20 फीसदी की रफ्तार से विकास कर रहा है। मध्यम वर्ग के प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के प्रति बढ़ते रूझान के कारण इस रफ्तार में कमी आने की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है। ऐसे में सभी कंपनियां अपने ब्रांड बाजार में उतार कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश कर रही हैं।

First Published : July 2, 2008 | 11:14 PM IST