दैनिक उपभोग के सामान (FMCG) से संबंधित उद्योग का आकार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 6.4 प्रतिशत बढ़ गया। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। एनालिटिक्स फर्म नील्सनआईक्यू ने एक रिपोर्ट में कहा कि शहरी एवं ग्रामीण दोनों बाजारों में खपत बढ़ने से FMCG उद्योग का विस्तार हुआ है। इसके साथ ही शहरी एवं ग्रामीण बाजारों में खपत का फासला कम होने की बात भी कही गई है।
रिपोर्ट कहती है कि दिसंबर तिमाही में अधिक मात्रा और ग्रामीण बाजारों में सुधार से FMCG उद्योग को मूल्य के संदर्भ में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने में मदद मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय FMCG उद्योग वर्ष 2024 में क्षेत्र और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के दम पर 4.5 प्रतिशत से लेकर 6.5 प्रतिशत के बीच वृद्धि कर सकता है। हालांकि, जुलाई-सितंबर तिमाही की तुलना में दिसंबर तिमाही में FMCG क्षेत्र की खपत में कमी आई जिससे इसकी बिक्री वृद्धि में गिरावट दर्ज की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में खपत घटी है लेकिन शहरी बाजारों में गिरावट अधिक स्पष्ट है।
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बहरहाल सालाना आधार पर दिसंबर तिमाही में FMCG उद्योग की खपत शहरी बाजार में 6.8 प्रतिशत और ग्रामीण बाजार में 5.8 प्रतिशत बढ़ी है। एनआईक्यू के प्रमुख (कस्टमर सक्सेस-भारत) रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा, ‘‘2023 में पहली बार शहरी और ग्रामीण बाजारों के बीच उपभोग का अंतर घटा है। इसके पीछे उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्रों की अहम भूमिका रही है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा क्षेत्र के भीतर आधुनिक कारोबार माध्यमों से होने वाली FMCG उत्पादों की बिक्री अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की अवधि में 16.8 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ी है। वहीं परंपरागत बिक्री माध्यमों से FMCG उत्पादों की बिक्री में 5.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।