उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बजाज हिंदुस्तान के स्वामित्व वाली 16 मिलों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
इन मिलों पर आरोप है कि इन्होंने गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2007-08 के लिए बकाए का अभी तक भुगतान नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि शिशिर बजाज के नियंत्रण वाली बजाज हिंदुस्तान देश की सबसे बड़ी चीनी उत्पादक कंपनी है।
गन्ना और चीनी आयुक्त एच एस देव ने संबंधित जिलाधिकारियों को कंपनी की 16 मिलों के खिलाफ प्राथमिक जांच रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश दिया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में किसानों ने हाल में मेरठ स्थित कंपनी की फैक्टरी की घेराबंदी कर दी थी और इसके बाद कंपनी के नोएडा स्थित मुख्यालय पर भी प्रदर्शन किया गया।
राज्य गन्ना विभाग के प्रवक्ता ए के सिन्हा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 15 मई 2008 के सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में चीनी मिलों को आदेश दिया था कि वे 12 जून तक 110 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बकाया राशि का भुगतान कर दें।
बजाज हिंदुस्तान पर आरोप है कि कंपनी ने किसानों को भुगतान करते समय परिवहन शुल्क के तौर पर प्रति क्विंटल 10.58 रुपये की कटौती कर ली जबकि न्यायालय ने किसी भी कटौती की अनुमति नहीं दी थी। बजाज हिंदुस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं मिली है।