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टीटागढ़ वैगन्स को मिली एफआईपीबी की हरी झंडी

Last Updated- December 07, 2022 | 1:01 AM IST

कोलकाता की टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) को शिकागो की फ्रेट कार अमेरिका के साथ एल्युमीनियम रेल कारों के मार्केटिंग के परीक्षण और उत्पादन को समझने के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए मंजूरी मिल गई है।


गौरतलब है कि 120 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस संयुक्त उपक्रम में फ्रेट कार अमेरिका के पास 51 फीसदी के साथ उपक्रम में बड़ी हिस्सेदारी होगी। उपक्रम के तहत बनने वाली नई कंपनी 2010 से हर वर्ष लगभग 2,400 हाई ऐक्सल लोड एल्युमीनियम माल गाड़ी के डिब्बे बनाएगी, जो माल गाड़ी के डिब्बों की घरेलू जरूरत के साथ अंतरराष्ट्रीय जरूरत को भी पूरा करेगी। 

टीटागढ़ वैगन्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी इस संयुक्त उपक्रम के लिए कुल निवेश की कोई योजना नहीं बनाई गई है। हालांकि मोटा-मोटे अनुमान के अनुसार इसमें कुछ 100 से 120 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

फिलहाल कंपनी एल्युमीनियम माल गाड़ी डिब्बा के लिए एक आदर्श नमूना विकसित करने की कवायद में लगी हुई है, जिसे रिसर्च डिसाइज ऐंड सर्विस ऑर्गेनाइजेशन से अनापत्ति और मंजूरी मिल जाए। एक बार जब यह हो जाएगा, तब संयुक्त उपक्रम को बनाने की शुरुआत होगी। फिलहाल टीटागढ़ वैगन्स की क्षमता प्रति वर्ष 3,600 माल गाड़ी डिब्बा उत्पादन की है और वह अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर प्रति वर्ष 6000 माल गाड़ी डिब्बा करने की है।

जब यह नया संयंत्र शुरू हो जाएगा, कंपनी की उत्पादन क्षमता और भी बढ़ जाएगी। और अब कंपनी भारतीय रेल की ओर से माल गाड़ी डिब्बों की बढ़ने वाली मांग, जो कि माल गाड़ी कॉरिडोर की शुरुआत के बाद बढ़ जाएगी, पर नजरें गढ़ाए बैठी है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी, ‘हमारी प्रमुख प्राथमिकता हमारी क्षमता को रेलवे की माल गाड़ी कॉरिडोर के शुरू होने तक उसे बढ़ाना है। उस समय तक हम उनकी जरूरतों के अनुसार माल गाड़ी के डिब्बों को पर्याप्त मात्रा में उन्हें सप्लाई करने की स्थिति में होंगे।’

First Published - May 22, 2008 | 1:18 AM IST

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