बीएस बातचीत
प्रमुख वैश्विक केंद्रीय बैंकों की नीतिगत कार्रवाइयों और विदेशी निवेशकों द्वारा साल के अंत में मुनाफावसूली की पृष्ठभूमि में बाजार में उतार-चढ़ाव होने के बीच फिसडम प्राइवेट वेल्थ के मुख्य कार्याधिकारी अभिजित भावे ने पुनीत वाधवा को एक साक्षात्कार में बताया कि वर्ष 2022 के लिए निवेशकों को विस्तृत बाजार में हिस्सा लेने के लिए कम लागत वाले इंडेक्स फंड/ईटीएफ के संयोजन के साथ-साथ म्यूचुअल फंड (एमएफ) या प्रत्यक्ष बॉन्ड खरीद के जरिये ऋण जोखिम के संबंध में पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। संपादित अंश :
आप भारत समेत वैश्विक इक्विटी बाजारों के लिए वर्ष 2022 को कैसे देख रहे हैं?
कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए विषय सामान्य स्थिति के वास्ते असाधारण रहेगा। चूंकि राजकोषीय और मौद्रिक नीति के रूप में सरकारों और केंद्रीय बैंकों की ओर से कोविड के बाद का समर्थन धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है, इसलिए अपेक्षाकृत अधिक सामान्य राज्य की ओर अर्थव्यवस्थाओं और नीतियों के स्पष्ट पारगमन की उम्मीद है। वर्ष 2022 में नीति निर्माताओं का ध्यान वृद्धि को बनाए रखते हुए मुद्रास्फीति के प्रबंधन पर अधिक केंद्रित रहेगा। जैसे-जैसे आपूर्ति शृंखला की चुनौतियों का समाधान किया जाता है, टीकाकरण का स्तर बढ़ता है तथा और अधिक लोग कार्यस्थल पर लौटते हैं, हम उम्मीद करते हैं कि मुद्रास्फीति वर्ष 2022 की पहली तिमाही में चरम पर होगी और फिर धीरे-धीरे कम होती जाएगी तथा वर्ष 2022 के अंत तक केंद्रीय बैंकों की लक्ष्य दरों की ओर बढ़ेगी। प्रोत्साहन को लगभग पूर्ण रूप से हटाने, वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में मामूली दर वृद्धि और आर्थिक वृद्धि के स्थायी स्तर पर लौटने से सभी परिसंपत्ति वर्गों में अस्थिरता बढ़ाने में योगदान मिलेगा।
क्या आसानी से पैसा कमाने के दिन लद गए हैं?
घरेलू और वैश्विक, दोनों ही स्तरों पर संपूर्ण आर्थिक वातावरण में विस्तार हो रहा है। ज्यों ही ब्याज दरें बढ़ती हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व प्रोत्साहन वापस ले लेता है, शेयर बाजारों का ध्यान अधिक गुणवत्ता वाले शेयरों की ओर स्थानांतरित हो जाएगा। जैसे-जैसे उतार-चढ़ाव में इजाफा होता है, हम कुछ पैसा रक्षात्मक क्षेत्रों और लार्ज-कैप में जाने की परिकल्पना करते हैं। निवेशकों का पसंदीदा दांव उपभोक्ता की गैर-जरूरी वस्तुओं, निजी बैंकों, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), फार्मा जैसे क्षेत्रों केसाथ-साथ पूंजीगत व्यय में सुधार के आधार पर चुनिंदा उद्योगपतियों पर हो सकता है।
आप वर्ष 2022 में विदेशी संस्थागत निवेशकों को उभरते बाजारों (ईएम) के प्रति कैसे देखते हैं?
दरें बढ़ाने के फेड के फैसले से भारत और के बीच ब्याज अंतर कम हो जाएगा, साथ ही भारतीय ऋण एफआईआई के लिए कम आकर्षक रह जाएगा। एफआईआई के हाल ही के बहिर्वाह को साल के अंत की घटना और हालिया घटनाओं के मामले में एक संभावित त्वरित प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा सकता है। वर्ष 2022 में एफआईआई के लौटने की उम्मीद है, क्योंकि भारतीय इक्विटी में संरचनात्मक तेजी जारी रहने की संभावना है और भारतीय अर्थव्यवस्था नौ प्रतिशत से अधिक की अपेक्षित दर के साथ स्थिर और मजबूत नियंत्रण वाली सरकार के साथ चल करती है।
आपके एचएनआई ग्राहकों का क्या रुख है?
हाल के वर्षों में एचएनआई की निवेश की आदतों में काफी बदलाव आया है, क्योंकि कम लागत वाले ईटीएफ और इंडेक्स फंड पसंद किए जा रहे हैं तथा प्रगतिशील निवेशकों के बीच वैकल्पिक निवेश अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड/गोल्ड ईटीएफ में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है। रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) की लोकप्रियता बढ़ी है, जबकि बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) बुनियादी ढांचगत परिसंपत्ति में निवेश करने के एक लोकप्रिय तरीके के रूप में उभरे हैं।