रिलायंस: कृषि नवाचार पर जोर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 7:51 AM IST

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अपने ‘फार्म टु फॉर्क’ मॉडल का दायरा मजबूत बनाने के प्रयास में ऑनलाइन टेक्नोलॉजी, अपने नए भागीदार फेसबुक की ताकत का इस्तेमाल कर और कृषि उपकरण नवाचार क्षेत्र में भागीदारियों के जरिये एग्रीटेक व्यवसाय बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
रिलायंस फ्रेश और अन्य स्टोरों के लिए अपनी स्वयं की रिटेल आपूर्ति और जियो मार्ट के जरिये जल्द शुरू किए जाने वाली ई-कॉमर्स पेशकश के लिए कंपनी का ध्यान फसल से लेकर स्टोर करने के बीच 12-घंटे का डिलिवरी शिड्यूल सुनिश्चित करना है।
फेसबुक ने जियो प्लेटफॉम्र्स में 9.9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है और उसने रिलायंस रिटेल के साथ सहयोग समझौता किया है।
विश्लेषकों के साथ बातचीत के अनुसार, कंपनी ने बीटा स्टेज में हाल में ‘जियोकृषि’  ऐप पेश किया है जिसका मकसद किसानों को अच्छी खेती करने में मदद मुहैया कराना है।
यह ऐप किसानों को बुआई, सिंचाई और पैदावार बढ़ाने के लिए उर्वरक के लिए सही समय के बारे में जानकारी मुहैया कराएगा। यह ऐप किसानों को मौसम, बदलते मौसम से संबंधित कीटों, फसल नुकसान की जानकारी, या फसलों पर टि½ों जैसे बड़े हमलों के बारे में अलर्ट भी भेजेगा।
फेसबुक के साथ कंपनी एसएमई के अलावा 12 करोड़ से ज्यादा किसानों की जरूरतों पर भी ध्यान देने की संभावना तलाश रही है। सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा चल रही है। इनमें 40 करोड़ से ज्यादा सक्रिय उपयोगकर्ताओं के साथ व्हाट्सऐप का किसानों के लिए इस्तेमाल करना और उन्हें पूरे देश में अन्य एग्रीटेक स्टार्टअप से जोडऩा मुख्य रूप से शामिल है।
इसे जियो मार्ट के साथ भी जोड़ा जा सकेगा, जिसे उपभोक्ता मांग आकलन के लिए व्हाट्सऐप में शामिल किया जाएगा।
कृषि उपज बढ़ाने की अपनी योजनाओं के तहत एक छोटा ट्रैक्टर विकसित करने के लिए रिलायंस ने शुरू में ऐस्कॉट्र्स, माइक्रोसॉफ्ट, और बॉश के साथ भी भागीदारी की थी। पहले ही विकसित किए जा चुके इस मॉडल का इस्तेमाल बुआई और जुताई के लिए भी किया जा सकेगा।
रिलायंस 65,000 हेक्टेयर भूमि को उन्नत खेती के दायरे में पहले ही ला चुकी है और उसने कृषि से संबंधित कौशल में 38,500 से ज्यादा किसानों को प्रशिक्षित किया है। उसने गाजर, टमाटर, हरी सब्जियों, और खीरा आदि की खरीदारी कर इसे 12 घंटे के अंदर उपभोक्ता तक पहुंचाने की योजना तैयार की है जिससे भारतीय खुदरा उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाने वाली सब्जियों और फलों से संबंधित उनकी करीब 50 फीसदी जरूरत पूरी होगी। कंपनी अपने 77 फीसदी फल सीधे तौर पर किसानों से खरीदती है।
एग्रीटेक व्यवसाय निवेशकों को तेजी से आकर्षित कर रहा है। उदाहरण के लिए, देश में सबसे बड़ी कंपनी निंजाकार्ट में वालमार्ट और टाइगर ग्लोबल प्रमुख निवेशकों के तौर पर शामिल हैं। यह किसानों, ब्रांडों और रिटेलरों को जोड़कर उन्हें बी2बी उपज की आपूर्ति मुहैया कराती है।
बोफा के शोध के अनुसार, फलों और सब्जियों के लिए बाजार 150 अरब डॉलर का है और इनमें से 97 फीसदी उत्पाद 1.2 करोड़ किराना दुकानों के जरिये बेचे जाते हैं।

First Published : June 29, 2020 | 12:12 AM IST