बीएस बातचीत
बेंगलुरु स्थित प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स अमेरिका स्थित निजी इक्विटी फंड मैनेजर ब्लैकस्टोन को करीब 9,160 करोड़ रुपये में अपनी व्यावसायिक संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा बेचने के लिए सौदे के आखिरी चरण में है। इसके निर्मित तथा निर्माणाधीन, सभी संपत्तियों का कुल पोर्टफोलियो लगभग 210 लाख वर्ग फीट है। कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक इरफान राजेक ने इस सौदे तथा कंपनी की योजनाओं के बारे में राघवेंद्र कामत से बात की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
संपत्ति बेचने के पीछे आपका क्या विचार था?
हम मुंबई तथा दिल्ली में बहुत सारी परियोजनाएं लेकर आ रहे हैं और इस सौदे से हमें नगदी हासिल होगी। इसके अलावा मौजूदा परिसंपत्तियों को नए ब्रांड द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस लेन-देन के बाद लगभग 6,000 करोड़ रुपये का ऋण समाप्त हो जाएगा और हमारे पास नई परियोजनाओं के लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपये शेष होंगे।
आपने रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट के बजाय पीई फंड के साथ सौदा करने का विकल्प क्यों चुना?
यह एक बातचीत के साथ शुरू हुआ और सौदे के रूप में समाप्त हो गया। यह रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) भी हो सकता था। इस पर आंतरिक रूप से बहुत चर्चा हुई। हमने निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए 50:50 हिस्सेदारी रखी है। मॉल पोर्टफोलियो के लिए हमने 85 प्रतिशत हिस्सेदारी दी है और हम अपनी 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखेंगे, जिसे हम आरईआईटी के विकल्प के लिए खुला रखेंगे।
मुंबई तथा पुणे में किन परियोजनाओं पर काम चल रहा है?
हम मुंबई के बीकेसी क्षेत्र में लगभग 40 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रहे हैं। बीकेसी-1 डीबी रियल्टी के साथ एक संयुक्त उद्यम परियोजना है जिसमें 20 लाख वर्ग फुट पर निर्माण हो रहे हैं तो वहीं बीकेसी-2 के तहत अविनाश भोंसले समूह के साथ 22 लाख वर्ग फुट के लिए एक संयुक्त उपक्रम पर काम चल रहा है। हमरा मानना है कि इन परियोजनाओं में 300 रुपये प्रति वर्ग फुट के करीब किराया हासिल होगा।
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने वाले कई डेवलपर्स पहले विफल हो चुके हैं। आपको किस बात का इतना भरोसा था कि पश्चिम से लेकर उत्तर तक कई जगहों पर परियोजनाएं चलाई जा रही हैं?
यदि आप हमारे रिकॉर्ड को देखें, तो हम विभिन्न शहरों में कारोबार कर रहे हैं और उनमें काफी हद तक स्थापित हैं। हमारी टीमें काफी बेहतर हैं। हमने हैदराबाद में कार्यालय और आवासीय संपत्ति बनाई हैं। चेन्नई में द?तर बनाए हैं। मुंबई और दिल्ली हमारे लिए अवसर लेकर आए हैं। हमने इसके बारे में सोचा क्योंकि ये शहर केंद्रित एवं प्रमुख परियोजनाएं थीं। हमें सफल होना चाहिए। हम धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से आगे बढऩा चाहते हैं।
कोरोना के दौरान वाणिज्यिक संपत्ति खंड में आपका अनुभव कैसा रहा है?
वाणिज्यिक कार्यालय संपत्तियों में जहां भी हमने किराए पर संपत्ति दी हैं, वहां किराएदार लगातार किराया दे रहे हैं। इन जगहों से किराया संग्रह शत-प्रतिशत है। हमने लगभग 8,00,000 वर्ग फुट के लिए एक्सेंचर के साथ लीज संबंधी डील पर हस्ताक्षर किए हैं। हमने 4,50,000 वर्ग फुट के एक भवन के लिए ओला टेक्नोलॉजीज के साथ एक किरायनामा पर हस्ताक्षर किए हैं और हमारी 4,30,000 वर्ग फुट की संपत्ति मिन्स्क स्क्वायर को इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी ने किराये पर लिया है।