नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के मुंबई पीठ ने इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज (आईएलऐंडएफएस) को उसकी शिक्षा परिसंपत्तियों की बिक्री लेग्जिंगटन इक्विटी होल्डिंग्स लिमिटेड (एलईएचएल) की सहायक इकाई फलाफल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को करने की मंजूरी दे दी है।
इस सौदे के तहत फलाफल ने स्कूलनेट इंडिया लिमिटेड में 73.90 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए सहमति जताई है। इसमें आईएलऐंडएफएस की फिलहाल 69.93 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि आईएलऐंडएफएस एम्प्लॉयी वेलफेयर ट्रस्ट की 4.73 फीसदी और शेयर एलईएचएल की हिस्सेदारी है। इस सौदे का मतलब साफ है कि एलईएचएल स्कूलनेट की पूरी 600 करोड़ रुपये की देनदारी को चुकाएगी और आईएलऐंडएफएस को करीब 7.36 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। इसके अलावा वह 6.29 करोड़ रुपये की टाली गई खरीद के लिए भी भुगतान करेगी। एलईएचएल ने स्कूलनेट में 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए 171.62 करोड़ रुपये के एकमुश्त भुगतान के लिए अपनी सहमति जताई है।
एकमुश्त रकम में से समाधान प्रक्रिया की लागत को घटाकर शेष रकम निर्धारित खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी। आईएलऐंडएफएस की शिक्षा परिसंपत्तियों में स्कूलनेट इंडिया लिमिटेड (पूर्व में आईएलऐंडएफएस एजुकेशन ऐंड टेक्नोलॉजी सर्विसेज लिमिटेड), स्किल ट्रेनिंग असेसमेंट मैनेजमेंट पार्टनर्स लिमिटेड (एसटीएएमपी) और आईएलऐंडएफएस क्लस्टर डेवलपमेंट इनिशिएटिव लिमिटेड (आईसीडीआई) शामिल हैं।
एसटीएएमपी और आईसीडीआई स्कूलनेट की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाइयां हैं। इसके अलावा स्कूलनेट की एक अन्य सहायक इकाई स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईएसडीसी) है जो नैशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम है। इसमें स्कूलनेट की 80.01 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि शेष 19.99 फीसदी हिस्सेदारी एनएसडीसी की है।
बहरहाल, एनसीएलटी ने आईटीएनएल इंटरनैशनल डीएमसीसी (आईआईडीएमसीसी) और आईटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स एलएलसी (आईआईडीएल) के लिए दुबई की अदालतों में वहां के कानून के अनुसार दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी है। ये दोनों आईएलऐंडएफएस समूह की विदेशी इकाइयां हैं।
आईआईडीएमसीसी आईटीएनएल इंटरनैशनल प्राइवेट लिमिटेड (आईआईपीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है जो आईएलऐंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवक्र्स लिमिटेड (आईटीएनएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है। आईआईडीएल की स्थापना संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये परिवहन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वनयन के लिए की गई थी।