दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (डीएचएफएल) ने मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में एकल आधार पर 97 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि कंपनी ने 7,634.89 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था।
हाउसिंग फाइनैंस कंपनी का परिचालन राजस्व हालांकि इस दौरान 14 फीसदी घटकर 2,034.53 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 2,387.58 करोड़ रुपये रहा था। पूरे वित्त वर्ष में कंपनी ने हालांकि 15,051 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया, वहीं कंपनी की कुल आय 8,802.79 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने 20,637.05 करोड़ रुपये का नकारात्मक नेटवर्थ दर्ज किया।
डीएचएफएल पहली वित्तीय सेवा कंपनी है, जिसे साल 2019 में दिवालिया अदालत भेजा गया था। डीएचएफएल के लेनदारों की समिति और आरबीआई व प्रतिस्पर्धा आयोग ने समाधान योजना को मंजूरी दी है, जिसे पीरामल समूह ने पेश किया था। इस योजना को अभी एनसीएलटी की मंजूरी नहीं मिली है। अंकेक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है, कंपनी का नेटवर्थ पूरी तरह से समाप्त हो गया, लिहाजा कंपनी आरबीआई के नेट ओन्ड फंड (एनओएफ) से संबंधित नियामकीय अनिवार्यताओं का पालन नहीं कर पाई।
31 मार्च, 2021 को समाप्त वर्ष में कंपनी ने 15,051 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया और उसका संचयी नुकसान भी है, जिसकी वजह से उसका नेटवर्थ पूरी तरह खत्म हो गया।
हालांकि ये एकल वित्तीय नतीजे कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया के तहत कंपनी के चालू रहने के आधार पर तैयार किए गए हैं, जिसका परिणाम अभी आकलित नहींं किया जा सकता। इसलिए कंपनी की चालू हालत में बने रहने की क्षमता मौजूदा कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया के नतीजे पर निर्भर करता है। अंकेक्षक की रिपोर्ट में ये बातें कही गई है।
