देश में एक बार फिर कोविड के मामले बढऩे की वजह से उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियां वैश्विक महामारी की तीसरी लहर के लिए तैयारी कर रही हैं। वे अपने उत्पादों का स्टॉक तैयार कर रही हैं और पैक के आकार को सर्वाधिक अनुकूल रूप दे रही हैं। उन्हें सख्त प्रतिबंधों या संभावित लॉकडाउन की स्थिति में घरों में होने वाली खपत में वृद्धि के आसार नजर आ रहे हैं।
मार्च 2020 में जब महामारी की पहली लहर आई थी और देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था, तब ज्यादातर कंपनियां इसके लिए तैयार नहीं थीं। हालांकि इस अवधि के दौरान खाद्य उत्पादों और आवश्यक वस्तुओं की मांग बढ़ गई थी, लेकिन कंपनियां इनकी आपूर्ति करने में असमर्थ थीं, क्योंकि कारखाने बंद होने से उत्पादन प्रभावित हुआ था। इसके अलावा आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण लॉजिस्टिक पर भी असर पड़ा था।
इस बार कंपनियां तैयार हैं। वे यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी आपूर्ति शृखंला को मजबूत कर रही हैं कि प्रतिबंध की स्थिति में कोई व्यवधान न हो।
जहां एक ओर पहली लहर के दौरान उपभोक्ताओं द्वारा खाद्य तेलों के थोक पैक के संबंध में रसोई घरों में स्टॉक किया गया था और परिवारों ने किराना वस्तुओं का भी जरूरत से ज्यादा स्टॉक कर लिया था, वहीं इस बार छोटे आकार वाले पैक की मांग बढ़ रही है, जो परिवारों के मासिक घरेलू बजट के संबंध में संभावित कमी का संकेत है। इन्हें लो-यूनिट पैक भी कहा जाता है और महामारी के समय में ये वैल्यू-फॉर-मनी के प्रस्ताव हैं तथा इसी वजह से इन्हें आकर्षक माना जाता है। आम तौर पर उपभोक्ता एक लीटर वाले खाद्य तेलों के अधिक पाउच खरीदते हैं, लेकिन बिस्कुट और स्नैक्स बड़े पैक में बेचे जाते हैं।
नीलसन इंडिया (जिसे अब नीलसन आईक्यू के नाम से जाना जाता है) ने मार्च 2020 में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उपभोक्ता पैकेटबंद गेहूं के आटे और दालों जैसी मुख्य खाद्य श्रेणियों की अच्छी-खासी खरीद करने लगे हैं।
अदाणी विल्मर के मुख्य कार्याधिकारी ए. मलिक ने कहा कि पहली लहर में लोगों ने स्टॉक करने का सहारा लिया, जो दूसरी लहर में काफी हद तक गैर-मौजूद रहा। उपभोक्ता छोटे पैक या पाउच खरीदते हैं और घर पर इनका स्टॉक करते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे पैक के उत्पादन में पांच से आठ प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। मलिक ने कहा कि अगर मांग बढ़ती है,तो कंपनी छोटे पैक का उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने पहले ही कच्चे/पैकेजिंग सामग्री का स्टॉक कर लिया है।
अमूल को भी इस बात की उम्मीद है कि पांच रुपये से 50 रुपये कीमत वाले छोटे पैक में इजाफा होगा, क्योंकि लोग घरों के अंदर ही रुके हुए हैं तथा पनीर और मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों की ज्यादा खपत हो रही है। अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन छोटे पैक की खपत में इजाफा हो सकता है।