भारतीय वाहन विनिर्माताओं को इलेक्ट्रिक निर्माण उपकरणों में कड़े सुरक्षा मानकों का अनुपालन करने के लिए तीन महीने का विस्तार दिया गया है। ये अनुपालन मूल रूप से 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होने थे। गुरुवार को घोषित संशोधित समयसीमा के अनुसार अब विनिर्माताओं को 1 जनवरी, 2025 तक नए मानदंडों को लागू करना होगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इन नियमों के तहत वाहन उद्योग मानक (एआईएस)-174 का अनुपालन अनिवार्य किया है। इनमें बैटरी सिस्टम, इलेक्ट्रिकल पुर्जों और समूचे वाहन निर्माण के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय शामिल हैं।
विनिर्माताओं को शुरुआती समयसीमा के भीतर इन कड़े सुरक्षा मानकों के साथ तालमेल बिठाने के लिए जूझना पड़ रहा था। मगर अब उन्हें यह विस्तार दिया गया है। इससे निर्माण उपकरण क्षेत्र में सुरक्षित और ज्यादा टिकाऊ कार्य प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए केंद्र के महत्वपूर्ण प्रयासों को पता चलता है, खास तौर जब देश इलेक्ट्रिक औद्योगिक मशीनरी की ओर बढ़ रहा है।
यह कदम अगस्त 2024 में मसौदा नियमों के प्रकाशन के बाद उठाया गया है जिसमें लोगों से राय मांगी गई थी। अलबत्ता सरकार ने कहा कि कोई आपत्ति या सुझाव प्राप्त नहीं हुआ। लिहाजा, संशोधन को बिना किसी बदलाव के लागू कर दिया गया। सरकार का लक्ष्य कड़े सुरक्षा उपायों की जरूरत को उद्योग के नए मानकों के अनुकूल करने की क्षमता के साथ संतुलित करना है, जिससे कि नए नियम सफलता के साथ लागू हो सकें।
इन नए सुरक्षा नियमों का उद्देश्य निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिकों और लोगों दोनों की सुरक्षा करना है। हालांकि इलेक्ट्रिक निर्माण वाहन बाजार अभी भी उभर ही रहा है, लेकिन सरकार शुरू से ही कड़े सुरक्षा मानदंड लागू करना चाहती है।