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Dabur 2.0 के रूप में सामने आने का प्रयास, ब्रांडों के लिए रीपैकेजिंग की कवायद शुरू

Dabur अपनी घरेलू और व्य​क्तिगत देखभाल श्रेणी को दो अंकों में बढ़ाने की योजना बना रही है।

Last Updated- September 29, 2023 | 10:12 PM IST
We are now trying to reinvent Dabur as Dabur 2.0: CEO Mohit Malhotra

दैनिक उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डाबर इंडिया ने अपने कई ब्रांडों के लिए रीपैकेजिंग की कवायद शुरू की है क्योंकि वह युवा ग्राहक आधार पर ध्यान केंद्रित करने पर विचार कर रही है। खास तौर पर ऐसे वक्त में जब अ​धिक महंगाई के बीच उपभोक्ता अपनी खरीदारी के विकल्पों के संबंध में अधिक चौकस हो रहे हैं।

डाबर इंडिया के मुख्य कार्या​धिकारी मोहित मल्होत्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘पैक एर्गोनोमिक रूप से बेहतर डिजाइन के साथ उपभोक्ता के अ​धिक अनुकूल बनाने की योजना है, जिसे पकड़ना और उपयोग करना आसान हो।’

जिन ब्रांड को दोबारा पैक किया जा रहा है, उनमें 1,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,500 करोड़ रुपये तक वाला डाबर आंवला केश तेल तथा वाटिका शैम्पू शामिल है। ये घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल श्रेणी के ब्रांड हैं। खाद्य और पेय पदार्थ श्रेणी में 1,500 करोड़ रुपये का ‘रीयल’ फ्रूट जूस भी रीपैकेजिंग के चरण से गुजर चुका है।

कंपनी अपनी घरेलू और व्य​क्तिगत देखभाल श्रेणी को दो अंकों में बढ़ाने की योजना बना रही है। इसका लक्ष्य मध्य अवधि में 7,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना है, जो वित्त वर्ष 23 तक 3,845 करोड़ रुपये था। कंपनी खाद्य और पेय पदार्थ श्रेणी के लिए भी महत्वाकांक्षी विकास योजनाएं तैयार कर रही है, जिसने पिछले वित्त वर्ष में 1,724 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।

पैक को और अधिक आधुनिक बनाने के संबंध में मल्होत्रा ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर भारत प्रगति कर रहा है, अ​धिक उपयुक्त है, बेहतर ढंग से तैयार हो रहा है तथा उत्पादों पर अधिक पैसा खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब बदलते रुझानों की बात आती है, तो हमारी पैकेजिंग बहुत पुरानी और फीकी दिखती है। अब हम डाबर को डाबर 2.0 के रूप में सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम कंपनी को युवाओं के लिए अधिक भरोसेमंद और प्रासंगिक बनाना चाहते हैं। हम 40 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के लिए हमेशा प्रासंगिक रहे हैं, लेकिन हमें अब 25 से ज्यादा आयु वर्ग के लिए भी प्रासंगिक होने की जरूरत है, जो महत्वाकांक्षी हो रहा है।

उन्होंने कहा कि यह आयु वर्ग डिजिटल मीडिया के जरिये पश्चिम के संपर्क में आ रहा है और घरेलू ब्रांडों को इसके अनुरूप बने रहने की जरूरत है। मल्होत्रा ने कहा कि यह नई पैकेजिंग कंपनी के ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन) लक्ष्यों के अनुरूप भी है।

First Published - September 29, 2023 | 10:12 PM IST

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