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भारत में EV निर्माण की होड़, BYD तेलंगाना में लगाएगी कारखाना

500 एकड़ में बनेगी ईवी और बैटरी निर्माण इकाई, 10 अरब डॉलर तक हो सकता है निवेश

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शाइन जेकब   
Last Updated- March 29, 2025 | 4:35 AM IST

वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं के लिए भारतीय बाजार नया अड्डा बनता दिख रहा है। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिका की प्रमुख कंपनी टेस्ला देश में अपना कारखाना स्थापित करने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ बातचीत कर रही है। मगर चीन की प्रतिस्पर्धी कंपनी बीवाईडी (बिल्ड योर ड्रीम्स) तेलंगाना में अपना कारखाना स्थापित करने की तैयारी में है।

बीवाईडी हैदराबाद से करीब 60 किलोमीटर दूर रंगारेड्डी जिले में एक ईवी विनिर्माण कारखाना और बैटरी इकाई स्थापित करने जा रही है। इस परियोजना के लिए बीवाईडी हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के साथ साझेदारी कर सकती है। मगर संयुक्त उद्यम में स्थानीय कंपनी ही प्रमुख हिस्सेदार होगी।

बीवाईडी इस परियोजना के लिए मंजूरी हासिल करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के साथ पहले ही बातचीत कर रही है। इस मामले से अवगत एक सूत्र ने कहा कि ऐसा लगता है कि किसी स्थानीय भागीदार के साथ इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए उसे ‘अनौपचारिक मंजूरी’ मिल गई है। माना जा रहा है कि बीवाईडी यहां बने वाहनों का ज्यादा निर्यात करेगी क्योंकि भारत में ईवी कार का बाजार अभी शुरुआती अवस्था में है। यहां वित्त वर्ष 2024 में महज 90,432 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई।

इस बाबत जानकारी के लिए बीवाईडी और एमईआईएल दोनों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं दिया। अगर यह परियोजना सफल रही तो तेलंगाना बीवाईडी का कारखाना स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। इसके साथ ही कंपनी दक्षिण भारत में ईवी कारखाना स्थापित करने वाली विनफास्ट और टाटा-जेएलआर (दोनों तमिलनाडु में) सहित प्रमुख वैश्विक कंपनियों की जमात में शामिल हो जाएगी। यह खबर ऐसे समय में आई है जब बीवाईडी की प्रमुख अमेरिकी प्रतिस्पर्धी टेस्ला एक विनिर्माण कारखाना स्थापित करने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में विभिन्न जगहों पर विचार करते हुए आंध्र प्रदेश के साथ बातचीत कर रही है।

सूत्र ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि केंद्र ने किसी स्थानीय साझेदार के साथ इस निवेश को मंजूरी देने पर सहमति जताई है। यह अब लगभग तय है। मगर इसके तौर-तरीके और समय के बारे में फिलहाल कुछ भी तय नहीं हुआ है। हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में बेहतर तस्वीर मिल जाए। स्थानीय साझेदार के तौर पर मेघा के होने की अधिक संभावना है।’ स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह कारखाना 500 एकड़ भूमि पर स्थापित होगा और इसकी क्षमता 2032 तक 6,00,000 वाहनों के उत्पादन की होगी। इसके अलावा 20 गीगावॉटआवर क्षमता की एक बैटरी उत्पादन इकाई स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है।

खबरों में कहा गया है कि इस परियोजना पर करीब 10 अरब डॉलर का निवेश किया जा सकता है। मगर सूत्रों का कहना है कि है कि सरकार को अब तक कोई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्राप्त नहीं हुई है। सूत्र ने बताया कि परियोजना स्थल हैदराबाद के समीप शाबाद होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर पर्याप्त निवेश किया जाएगा। मगर खबरों में कहा गया है कि इसके लिए तीन जगहों पर विचार किया जा रहा है।

चीन की सरकारी कार कंपनी एसएआईसी मोटर और जेएसडब्ल्यू के संयुक्त उद्यम जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया की स्थापना के बाद वाहन क्षेत्र में चीन का पहला बड़ा निवेश होगा। यह संयुक्त उद्यम अपने विंडसर मॉडल के जरिये भारतीय ई-कार बाजार में काफी हलचल मचा रहा है। एमजी मोटर इंडिया के अलावा कोरियाई और जापानी कंपनियां भी भारतीय बाजार में उतर रही हैं जो टेस्ला को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। बीवाईडी और मेघा इंजीनियरिंग ने 2023 में 1 अरब डॉलर के निवेश से ईवी विनिर्माण इकाई स्थापित करने संबंधी मंजूरियों के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया था। मगर प्रस्ताव खारिज हो गया था। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों के अनुसार, साझा भूमि सीमा वाले किसी भी देश से आने वाले निवेश प्रस्ताव के लिए विभिन्न मंत्रालयों से अनिवार्य तौर पर पहले मंजूरी हासिल करना होगा।

First Published : March 29, 2025 | 4:35 AM IST