आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने कोल इंडिया लिमिटेड और उसके अनुषंगियों (सब्सिडियरीज) के सहयोग से बनाए जाने वाली दो तापीय बिजली इकाइयों की अनुमति दे दी है।
तीन परियोजनाओं पर 22,000 करोड़ रुपये के निवेश से CIL बिजली उत्पादन क्षेत्र में प्रवेश कर गई है। ये इकाइयों कोयला खानों के करीब लगेंगी। केंद्र कोयला खानों के करीब बिजली उत्पादन इकाइयां लगाने पर कार्य कर रहा है।
सीसीईए ने मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में 660 मेगावाट की अमरकंटक सुपरक्रिटिकल कोयला आधारित तापीय बिजली प्लांट (TPP) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह बिजली प्लांट साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) और मध्य प्रदेश पॉवर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (MPPGCL) की संयुक्त उपक्रम होगा। CIL की सात अनुषंगियों में से एक एसईसीएल है जबकि मध्य प्रदेश सरकार की कंपनी MPPGCL है।
इसी तरह मंत्रिमंडल ने एमसीएल अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई महानदी बेसिन पॉवर लिमिटेड (MBPL) के जरिये 1,600 मेगावाट क्षमता की सुपरक्रिटिकल तापीय -विद्युत परियोजना ओडीशा के सुंदरगढ़ में स्थापित करेगी। सीआईएल की सात अनुषंगियों में SECL और MCL हैं।
कंपनी ने जारी वक्तव्य में बताया, ‘विश्व में कोयला खनन की सबसे बड़ी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड है। CIL अपनी अनुषंगियों की मदद से कोयले की खान के करीब तापीय ऊर्जा प्लांट स्थापित करेगी। इससे देश में सस्ती बिजली मुहैया कराने का रास्ता प्रशस्त होगा।’