इस साल की शुरुआत में जब वैश्विक सॉफ्टवेयर दिग्गज सेल्सफोर्स ने नए मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) की नियुक्ति की योजना बनाई तो उनकी भूमिका के साथ एक और पद जोड़ दिया गया। केवल किसी सीएफओ को नियुक्त करने के बजाय कंपनी ऐसा व्यक्ति चाहती थी जो परिचालन में भी अभिन्न भूमिका निभाए।
इसी वजह से चार महीने पहले जब रॉबिन वाशिंगटन को सीएफओ नियुक्त किया गया था तो उन्हें साथ में मुख्य परिचालन अधिकारी का पद भी दिया गया। जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसा पहली बार है जब सेल्सफोर्स ने इन दोनों पदों को जोड़ दिया है, तो उन्होंने कहा ‘मैं केवल चार महीने पहले ही मुख्य परिचालन और वित्तीय अधिकारी (सीओएफओ) के रूप में सेल्सफोर्स में शामिल हुई। यह पहली बार है जब हमने मुख्य परिचालन अधिकारी और वित्तीय अधिकारी की भूमिका को एक साथ देखा है। मुझे लगता है कि इससे हम अलग-अलग विभागों के बीच दूरी को कम कर पाएंगे। इससे सीओएफओ वाला संगठन ज्यादा कारगर कारोबारी भागीदार बन जाएगा।’
वह एआई के दौर में सीएफओ की बदलती भूमिका पर वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित कर रही थीं जब कंपनी ने उस शोध के नवीनतम निष्कर्षों का खुलासा किया था, जिसमें बताया गया था कि सीएफओ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर बड़े तथा अधिक रणनीतिक दांव लगा रहे हैं।
वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी पेपाल ने भी इस साल की शुरुआत में यह बदलाव किया था। पेपाल की सीएफओ जेमी मिलर ने भी अपनी भूमिका में विस्तार होते देखा और मुख्य परिचालन अधिकारी का पद इसमें जुड़ता पाया।
मिलर भी मीडिया से बातचीत में शामिल हुईं। उन्होंने इस बदलाव की आवश्यकता को स्वीकार किया और कहा ‘सीएफओ की भूमिका हमेशा से ही विकास और उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करने, वित्तीय ढांचा बनाने, जवाबदेही का दृष्टिकोण बनाने और संचालन में मजबूती की रही है। लेकिन एआई के साथ यह बहुआयामी कार्य बनता जा रहा है, जिससे सीएफओ को परिचालन में कहीं अधिक जुड़ने की जरूरत है। दरअसल, अगर वे कंपनियों में एआई का पूरा महत्त्व चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करना ही होगा।’ उन्होंने कहा कि उनकी टीम डेटा विश्लेषण और कार्यकारी स्तर की सामग्रियों के पहले मसौदों, विशेष रूप से रणनीति के सारांश के लिए, आंतरिक सामग्री बनाने में एआई एजेंटों का उपयोग कर रही है।