Sunil D’Souza, MD and CEO, Tata Consumer Products
हाल ही में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने घोषणा की है कि उसने 7,000 करोड़ रुपये में नूडल्स और सॉस क्षेत्र की कंपनी कैपिटल फूड्स और प्रीमियम चाय ब्रांड, ऑर्गेनिक इंडिया का अधिग्रहण करने के लिए समझौता किया है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (CEO) सुनील डिसूजा ने शार्लीन डिसूजा के साथ साक्षात्कार के दौरान इन दोनों अधिग्रहणों के बारे में बात की। प्रमुख अंश …
ये दोनों अधिग्रहण हमारे पहले से ही निर्धारित प्लेटफॉर्मों के लिए भली-भांति काम करेंगे, जिन्हें हमने टाटा कंज्यूमर के लिए जोड़ा है। चाय के मामले में हमने हमेशा बेहतरी के बारे में बात की है। ऑर्गेनिक इंडिया हमारे लिए यही करेगी। हमारे पेंट्री प्लेटफॉर्म में, जहां हमारे पास केवल टाटा संपन्न था, अब हम पास्ता, नूडल्स, चटनी, सॉस और सूप के साथ कारोबार कर सकते हैं। हमने हमेशा भविष्योन्मुख प्लेटफार्मों पर ध्यान दिया है। अब तक हमारे पास प्रोटीन उत्पाद थे, लेकिन अब हमारे पास ऑर्गेनिक इंडिया वाले सप्लिमेंट हैं।
रणनीतिक नजरिये से यह सब काफी सटीक बैठता है। हमने यह भी कहा है कि हमारा लक्ष्य उन श्रेणियों में शामिल होना है, जो अधिक विकास और अधिक मार्जिन वाली हैं। इन दोनों अधिग्रहणों में हम जिन श्रेणियों को हासिल कर रहे हैं, वे 15 से 20 प्रतिशत की विकास दर वाली हैं। ये काफी मजबूत ब्रांड हैं और इसलिए इनकी वृद्धि क्षमता काफी ज्यादा है। साथ ही इन दोनों के पास वितरण का भी बड़ा अवसर है। संख्या के लिहाज से हमारी पहुंच भी ज्यादा है। हमारी पहुंच कैपिटल फूड्स से 10 गुना ज्यादा है और ऑर्गेनिक इंडिया की मौजूदगी केवल 24,000 आउटलेट्स में है।
हमने हमेशा कहा है कि हम भारत-आधारित अधिग्रहणों पर विचार करेंगे, लेकिन अगर हम वैश्विक बाजारों के लिए भी उनका लाभ उठा सकें, तो यह सोने पर सुहागा होगा।
साल 2016-17 में ऑर्गेनिक इंडिया का एबिटा मार्जिन तकरीबन 16 से 17 प्रतिशत था। इसके कारोबार में कई समस्याएं थीं, जिस वजह से मार्जिन में कमी आई है।
कारोबारी उत्पाद में मूल रूप से कुछ भी गलत नहीं है। फैबइंडिया की विरासत के कारण मुख्य रूप से खुदरा स्टोर पर केंद्रित दृष्टिकोण था और यही कारण है कि देश में केवल 24,000 आउटलेट हैं। मार्जिन के नजरिए से अपनी खरीद क्षमता को न्यूनतम स्तर पर लाने और अपनी लॉजिस्टिक्स दक्षता दुरुस्त करने से हम भले ही सकल मार्जिन में वृद्धि न करें, लेकिन इसे कायम रख सकते हैं। इसका सकल मार्जिन पहले से ही 50-55 प्रतिशत के दायरे में है।
हमारे पास अब भी आगे बढ़ने और खाद्य एवं पेय पदार्थ क्षेत्र की कंपनी बनने के लिए गुंजाइश है। दीर्घावधि में हमारा लक्ष्य दैनिक उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र की दमदार कंपनी बनना है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम मूल्य सृजित करें। हम आंतरिक संसाधनों और अधिग्रहण के अवसरों की तलाश करेंगे।
हमने हमेशा यही कहा है कि हम अधिग्रहण के लिए अधिक भुगतान नहीं करेंगे। हम इस बारे में आकलन कर चुके हैं कि हम इन कारोबारों के साथ क्या कर सकते हैं। अगर आप वित्त वर्ष 23 के इसके एबिटा को देखें, तो यह एक बार के बट्टेखाते के कारण नकारात्मक था। लेकिन निरंतर आधार पर मुझे लगता है कि हम काफी सहज हैं और अधिक शेयरधारक मूल्य सृजित कर सकते हैं।
हमारे पास काफी दक्ष निदेशक मंडल है और हमने उन्हें बताया है कि हम इससे लाभ हासिल कर सकते हैं। इस तथ्य पर उन्होंने हमें अधिग्रहण करने के लिए कहा है। कैपिटल फूड्स पांच अलग-अलग श्रेणियों में पहले या दूसरे स्थान पर है।