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Byju’s Loan Dispute: लोन नहीं चुकाने के मामले में अमेरिका की अदालत पहुंची बैजूस

Published by
शिवानी शिंदे   
पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- June 06, 2023 | 10:25 PM IST

भारत की सबसे कीमती एडटेक स्टार्टअप बैजूस (Byju’s) ने 1.2 अरब डॉलर के ऋण पर लगने वाला ब्याज नहीं चुकाया है। मगर उसने इसका दोष ऋणदाताओं पर ही डालते हुए अमेरिका की एक अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है।

बैजूस शायद भारत की इकलौती स्टार्टअप कंपनी होगी, जिसने अमेरिकी डॉलर में लिया गया कर्ज नहीं चुकाया है। अपने निवेशकों को अदालत ले जाने वाली भी वह पहली कंपनी होगी।

बैजूस ने कहा कि उसने 1.2 अरब डॉलर का टर्म लोन बी तय वक्त से पहले अदा किए जाने की मांग के खिलाफ न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके जरिये कंपनी रेडवुड को अयोग्य घोषित करेगी, जिसने टर्म लोन की शर्तों का उल्लंघन करते हुए ऋण का बड़ा हिस्सा खरीद लिया है। अब इस मामले की सुनवाई डेलावेयर और न्यूयॉर्क दोनों अदालतों में होगी।

बैजूस ने एक बयान में कहा कि पूरा टर्म लोन बी विवादित है। इसलिए जब तक अदालत इस पर फैसला नहीं करती तब तक कोई भी बैजूस से टर्म लोन बी चुकाने की उम्मीद न रखे। टर्म लोन बी से रकम जुटाने वाली बैजूस इकलौती कंपनी नहीं है। ओयो ने 2021 में 60 करोड़ डॉलर का टर्म लोन बी लिया था, जिसकी रेटिंग मूडीज और फिच ने तय की थी। मगर बैजूस ने 1.2 अरब डॉलर का भारीभरकम कर्ज लिया है, जिसकी रेटिंग किसी ने नहीं की है।

सूत्रों ने बताया कि जब कोई कंपनी रकम जुटाती है तो नौ महीनों के भीतर बॉन्ड की रेटिंग करानी पड़ती है। मगर बैजूस ने ऐसा नहीं किया क्योंकि उसके वित्तीय नतीजे नहीं आए। इसलिए ऋणदाता पूरा कर्ज चुकाने या उसका एक हिस्सा चुकाने की मांग करने लगे।

3वन4 कैपिटल के संस्थापक पार्टनर एवं सीएफओ व ईएसजी ऑफिसर सिद्धार्थ पई ने कहा, ‘भरोसे की कमी और आर्थिक दबाव की वजह से निवेशकों ने कर्ज तीसरे पक्ष को बेच दिया होगा। इसकी दो वजहें हो सकती हैं: पहला बैजूस पर अमेरिकी सहयोगी कंपनी से 50 करोड़ डॉलर निकालने का आरोप और दूसरा कर्ज की शर्तें। इसके बारे में फाइलिंग से लेकर फाइनैंसिंग तक अटकलों की भरमार है।’

बैजूस ने अपने खुलासे में कहा है कि 3 मार्च 2023 को टर्म लोन बी के लेनदारों ने कुछ गैर-मौद्रिक और तकनीकी चूकों का आरोप लगाकर गैर-कानूनी तरीके से वक्त से पहले कर्ज चुकाने की मांग शुरू कर दी।

मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘लेनदारों को ब्याज का चालान भेजना पड़ता है मगर यह कंपनी तक नहीं पहुंचा है।’ कंपनी ने लेनदारों से यह भी कहा है कि बकाया ब्याज चुका दिया जाएगा और उसके पास पर्याप्त नकदी है। उसने लेनदारों को पत्र लिखकर कहा है कि ब्याज किसी भी वक्त चुकाया जा सकता है मगर पहले उन्हें समय-पूर्व अदायगी की मांग और डेलावेयर कोर्ट में मुकदमा खत्म करना होगा।

कंपनी ने कहा, ‘बैजूस के पास बेहद आक्रामक लेनदारों को अयोग्य ठहराने का विकल्प हमेशा था मगर अब तक उसने इसका इस्तेमाल नहीं किया। कंपनी ने यह कदम अब उठाया है क्योंकि लेनदार बेवजह समय-पूर्व अदायगी की मांग कर रहे थे। ऐसे में न्यूयॉर्क की अदालत में चुनौती देने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं था।’

First Published : June 6, 2023 | 10:25 PM IST