कंपनियां

BPCL का विनिवेश नहीं होगा, संभावित खरीदारों की ओर से पर्याप्त संख्या में नहीं मिलीं बोलियां

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, कच्चे तेल की कीमत 75-80 डॉलर प्रति बैरल रही तो कंपनियां घटा सकती हैं ईंधन के दाम

Published by
शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- June 11, 2024 | 10:48 PM IST

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दूसरी बार मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद मंगलवार को कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) एक उच्च राजस्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) है और इसके निजीकरण की योजना पूरी तरह से बंद कर दी गई है।

पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार तेल पीएसयू में अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचना चाह रही है। उन्होंने कहा, ‘हम बीपीसीएल जैसी अत्यधिक सफल महारत्न कंपनी को क्यों बेचेंगे?’ तेल की इस प्रमुख कंपनी में सरकार की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी है।

इसके विनिवेश की योजना इसलिए रद्द कर दी गई क्योंकि संभावित खरीदारों की ओर से पर्याप्त संख्या में बोलियां नहीं मिलीं। पुरी ने ज्यादा जानकारी नहीं देते हुए बताया कि बीपीसीएल नई रिफाइनरियां स्थापित करने के लिए उन्नत चरण में है। इस बीच, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) 33,023 करोड़ रुपये की लागत से तमिलनाडु के नागपट्टिनम में अपनी मौजूदा सीपीसीएल संचालित रिफाइनरी के साथ 90 लाख टन क्षमता वाली अतिरिक्त रिफाइनरी का निर्माण कर रही है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जल्द ही काकिनाडा तट से दूर कृष्णा-गोदावरी बेसिन के केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक में अपनी महत्त्वाकांक्षी गहरे पानी की परियोजना से गैस उत्पादन शुरू करेगी।

उन्होंने कहा कि इस ब्लॉक से तेल उत्पादन जल्द ही बढ़कर 45,000 बैरल प्रतिदिन हो जाएगा। पुरी ने जोर देते हुए कहा, ‘पश्चिमी अपतट से ओएनजीसी ने एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी साझेदार प्राप्त करने के लिए निविदा जारी की है। 75 अरब डॉलर से अधिक सालाना राजस्व वाली सभी अंतरराष्ट्रीय तेल एवं गैस कंपनियों को
इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।’

मंत्री ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 75 से 80 डॉलर प्रति बैरल रहती हैं तो तेल विपणन कंपनियां पंप पर कीमतें कम करने पर विचार कर सकती हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पेट्रोल और डीजल को आने वाले समय में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की जरूरत है।

आने वाली बड़ी परियोजनाएं

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ग्रीन हाइड्रोजन और जैव ईंधन क्षेत्र में भारत की उपस्थिति का विस्तार प्रमुख लक्ष्य रहेगा। उन्होंने कहा, ‘हमारी कई तेल कंपनियां ग्रीन हाइड्रोजन की आपूर्ति के लिए निविदाएं जारी करने की प्रक्रिया में हैं। हम ग्रीन हाइड्रोजन वाली बसें चलाने वाले दुनिया का पहला देश हैं, और हमारे यहां ऐसी 15 बसें चलने लगी हैं।’

मंत्री ने घोषणा की कि आईओसीएल जल्द ही पानीपत में 10 किलो टन प्रति वर्ष (केटीए) क्षमता वाले ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करेगा। इसके साथ ही मथुरा (5 केटीए) और पारादीप (10 केटीए) में भी संयंत्र लगाए जाएंगे।

First Published : June 11, 2024 | 10:48 PM IST