ब्लैकस्टोन ने खरीदा एम्बेसी इंड. पाक्र्स

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:57 AM IST

हाल के वर्षों में लॉजिस्टिक्स के सबसे बड़े सौदे के तहत अमेरिकी पीई फंड मैनेजर ब्लैकस्टोन ग्रुप ने एक अन्य अमेरिकी पीई फंड व एम्बेसी समूह से एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स खरीद लिया है। ब्लैकस्टोन ने हालांकि इस सौदे की कीमत का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि यह सौदा 5,250 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर हुआ है।
एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स में 1.06 करोड़ वर्गफुट का आधुनिक लॉजिस्टिक्स व वेयरहाउसिंग परिसंपत्तियां हैं। वारबर्ग पिनकस के पास साल 2015 में स्थापित 25 करोड़ डॉलर के संयुक्त उद्यम में 70 फीसदी हिस्सेदारी है और इसके साथ वारबर्ग की 17.5 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता भी है जबकि बाकी 30 फीसदी हिस्सेदारी एम्बेसी के पास है।
साल 2011 में कार्यालय परिसंपत्ति और फिर मॉल के क्षेत्र में उतरने के बाद ब्लैकस्टोन के लिए वेयरहाउसिंग ध्यान केंद्रित किया जाने वाला नया क्षेत्र नजर आ रहा है। अपने साझेदारों एम्बेसी व के. रहेजा कॉरपोरेशन के साथ ब्लैकस्टोन ने दो रीट उतारे हैं और उन्हें सूचीबद्ध कराया है। वह देश में कार्यालय परिसंपत्ति की सबसे बड़ी मालिक है। हीरानंदानी समूह के साथ संयुक्त उद्यम शुरू करने के बाद यह वेयरहाउसिंग में ब्लैकस्टोन का दूसरा उद्यम होगा।
साल 2019 में ब्लैकस्टोन ने हीरानंदानी समूह की कंपनी ग्रीनबेस के साथ संयुक्त उद्यम शुरू किया था, जो वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक्स पाक्र्स विकसित करने के लिए था। इस तरह से उसने भारतीय वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रवेश कर लिया।
समान हिस्सेदारी वाले संयुक्त उद्यम में 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश की योजना बनी थी, जो करीब 1.2 करोड़ वर्गफुट इंडस्ट्रियल व वेयरहाउसिंग परिसंपत्ति देश भर में तीन से चार वर्षों में विकसित करने के लिए था।
अभी तक संयुक्त उद्यम ने 20 लाख वर्गफुट वेयरहाउसिंग विकसित कर लिया है और इतनी ही जगह निर्माणाधीन है।
साल 2010 से ब्लैकस्टोन ने लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर 1.2 अरब वर्गफुट से ज्यादा का अधिग्रहण किया है। ब्लैकस्टोन रियल एस्टेट इंडिया के प्रमुख
तुहिन पारिख ने कहा, हम भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने को प्रतिबद्ध हैं। पिछले 16 साल से हम परिसंपत्ति व कारोबार के कायापलट के लिए स्थानीय डेवलपर व सरकार के साथ साझेदारी कर रहे हैं और समुदायों को समृद्ध बनने में मदद कर रहे हैं।
एम्बेसी समूह के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक जीतू विरमानी ने कहा, हम कार्यालय व आवासीय क्षेत्र विकसित करने व उसके प्रबंधन वाले अपने मुख्य कारोबार में बढ़त की खातिर अपने संसाधनों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। ब्लैकस्टोन रियल एस्टेट के साथ यह लेनदेन और आईबीआरईएल के साथ आगामी विलय इस दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
एम्बेसी-वारबर्ग पिनकस संयुक्त उद्यम पिछले साल निवेशकों के साथ बातचीत में 1,700-1,900 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर कारोबार के मुद्रीकरण पर विचार कर रहा था। हालांकि दो अन्य कंपनियों एशिया केंद्रित लॉजिस्टिक्स कंपनी ईएसआर और जीपीएल समर्थित इंडोस्पेस के साथ भी अलग-अलग बातचीत हुई, लेकिन मूल्यांकन पर अंतर के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पाया।
एम्बेसी इंडस्ट्रियल पाक्र्स के वेयरहाउस बेंगलूरु, दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद और पुणे समेत देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्र में अवस्थित हैं और इन्हें अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनियों व खुदरा फर्मों को पट्टे पर दिया गया है।
ई-कॉमर्स में तेज बढ़ोतरी और जीएसटी लागू किए जाने से कई कंपनियां पिछले पांच साल में लॉजिस्टिक्स मेंं उतरी हैं। देसी कंपनियों मसलन एम्बेसी व वेलस्पन ने इस क्षेत्र में प्रवेश किया, वहीं पीई फंड मसलन वारबर्ग पिनकस ने भी इसमें सक्रियता से निवेश किया।
कोलियर्स इंटरनैशनल के मुताबिक, इस क्षेत्र ने कई बड़े संस्थागत निवेशकों का ध्यान खींचा है और साल 2017 के बाद से 27,800 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। साल 2017 और 2020 की पहली छमाही के बीच इस क्षेत्र ने कुल पीई निवेश का 17 फीसदी हासिल किया है।

First Published : May 10, 2021 | 11:11 PM IST