बिगबास्केट के सह-संस्थापक और मुख्य विपणन अधिकारी विपुल पारेख
टाटा डिजिटल के स्वामित्व वाला किराना प्लेटफॉर्म बिगबास्केट अब पूरी तरह से क्विक कॉमर्स पर केंद्रित हो चुका है। उसकी योजना साल 2025 के अंत तक डार्क स्टोर की मौजूदा संख्या 700 से बढ़कर 900 करने की है। वह तेजी से बढ़ती इस श्रेणी को और मजबूत करेगा। बिगबास्केट के सह-संस्थापक और मुख्य विपणन अधिकारी विपुल पारेख ने यह जानकारी दी।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ खास बातचीत में पारेख ने कहा, ‘बड़े और मझोले शहरों में हमारे करीब 700 डार्क स्टोर हैं और संभवत: साल के अंत तक हम 200 और डार्क स्टोर जोड़ लेंगे।’
कंपनी की वृद्धि की समूची अपेक्षाओं के बारे में पारेख ने कहा, ‘हम तीव्र विकास के दौर से गुजर रहे हैं। क्विक कॉमर्स में हो रही प्रगति के कारण हम राजस्व के लिहाज से करीब 60 प्रतिशत तक की वृद्धि की योजना बना रहे हैं। हम बड़े डार्क स्टोर भी बना रहे हैं और कई श्रेणियों में प्रवेश कर रहे हैं।’ पारेख ने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कंपनी का नकदी व्यय सबसे कम है। अलबत्ता उन्होंने सटीक आंकडा साझा नहीं किया।
वित्त वर्ष 25 के दौरान बिगबास्केट ने 7,673 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जो वित्त वर्ष 24 के 7,885 करोड़ रुपये की तुलना में 3 प्रतिशत कम रहा। वित्त वर्ष 25 के दौरान कंपनी का घाटा 1,851 करोड़ रुपये रहा। यह घाटा वित्त वर्ष 24 की तुलना में ज्यादा रहा जब कंपनी ने 1,267 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।
मौजूदा डार्क स्टोरों के लाभ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जहां शीर्ष 25 प्रतिशत डार्क स्टोर लाभ में हैं, वहीं कंपनी का लक्ष्य इस साल दिसंबर तक 50 प्रतिशत से ज्यादा डार्क स्टोरों को लाभ में लाना है। पारेख ने कहा, ‘वर्तमान में लगभग 80 प्रतिशत राजस्व ऐसे बड़े डार्क स्टोरों से आता है जिनका आकार 5,000 वर्ग फुट से ज्यादा है।’