अंदर से सॉलिड। यह 14 अप्रैल को लॉन्च किए गए जेपी सीमेंट के नए ब्रांड अभियान की नई टैगलाइन है। अपनी ब्रांड छवि चमकाने के लिए भारत की तीसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का सहारा लिया है।
जेपी भारत की प्रमुख सीमेंट कंपनियों द्वारा चलाई जा रही ब्रांड प्रमोशन सीरीज में नया नाम है। अगर एम एस धोनी आपसे लाफार्ज उत्पादों को खरीदने को कहते हैं तो अमिताभ बच्चन सीमेंट उद्योग की बिग बी बिनानी सीमेंट से जुड़े हुए हैं।
यह अहम सवाल है कि आखिर सीमेंट उद्योग ब्रांड एम्बेसडर की तलाश को लेकर उग्र क्यों है? इसका जवाब है कि ये कंपनियां क्षेत्रीय कमोडिटी कंपनियों के ठप्पे से ऊब चुकी हैं और अब वे पूरे भारत में अपनी पहचान हासिल करना चाहती हैं।
रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज के उपाध्यक्ष अनिल सिंघवी कहते हैं, ‘सीमेंट महज एक कमोडिटी है। मानसून के दौरान भी कीमतें ज्यों की त्यों बनी हुई हैं।’ रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज 1-1 करोड़ टन की क्षमता वाले दो सीमेंट संयंत्र स्थापित करना चाहती है।
पिछले 10 वर्षों में घरेलू सीमेंट उद्योग की क्षमता लगभग दोगुनी होकर 212 टन हो गई है और नई कंपनियां पूरे देश में निर्माण इकाइयों के जरिये तेजी से उभर रही हैं। इसलिए अब आपको भीड़-भाड़ भरे बाजार में नई कंपनियों की चहचहाहट भी सुनाई देगी। सीमेंट बाजार में 50 से अधिक कंपनियां पहले से ही मौजूद हैं।
यहां यह बताया जाना भी जरूरी है कि इंडियन प्रीमियर लीग के दूसरे सत्र के दौरान आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक राजस्थान रॉयल्स और इंडिया सीमेंट्स चेन्नई सुपर किंग्स के साथ है। व्यक्तिगत घर मालिकों की अब सीमेंट उपभोक्ताओं में लगभग आधी भागीदारी है।
घरेलू बाजार में 12 फीसदी की भागीदारी रखने वाली सीमेंट कंपनी एसीसी के प्रमुख (वाणिज्यिक सेवाएं) जे दत्तागुप्ता कहते हैं, ‘यह वाकई ब्रांड जागरुकता वाला वर्ग है और हमें इस रिटेल उपभोक्ता वर्ग पर विशेष ध्यान केंद्रित करना होगा।’
शुरू में एसीसी के पास सुपर, सम्राट और सुरक्षा जैसे विभिन्न उप-ब्रांड थे। हालांकि बाजार शोधों से यह स्पष्ट होता है कि एसीसी ब्रांड को लेकर उपभोक्ताओं का विश्वास मजबूती से बना हुआ है। 2006 में कंपनी ने मल्टीपल उत्पाद उप-ब्रांडों के बजाय प्रमुख ब्रांड पर ध्यान केंद्रित किया।
एसीसी अपने लक्षित उपभोक्ताओं से जुड़ने के प्रयास में व्यक्तिगत घर मालिकों से बातचीत पर विशेष ध्यान दे रही है। कंपनी इस साल अपने ब्रांड प्रमोशन पर 50 करोड़ रुपये खर्च करेगी। तेजी से बढ़ रही प्रतिस्पर्धा के बीच कई कंपनियां मजबूत ब्रांडों के जरिये उत्पाद के विशेष निर्धारण की संभावना तलाश रही हैं और उत्पादों के लिए अपनी विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग विपणन टीमें तैयार कर रही हैं।
उदाहरण के लिए, देश के उत्तरी भागों में दबदबा रखने वाली श्री सीमेंट के तीन ब्रांड – श्री अल्ट्रा जंग रोधक, बांगड़ सीमेंट और रॉकस्ट्रोंग सीमेंट- हैं। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक हरिमोहन बांगड़ कहते हैं, ‘बाजार चुनौतियों से भरा पड़ा है और ब्रांड निर्माण बेहद जरूरी है। हमारे प्रत्येक ब्रांड की अलग विपणन टीमें और विभिन्न उत्पादों के लिए अलग विज्ञापन थीम हैं।’
उत्तरी बाजार में श्री सीमेंट की भागीदारी 18 फीसदी है और यह अंबुजा, ग्रासिम और एसीसी जैसी सीमेंट कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। श्री सीमेंट ने मौजूदा वर्ष के लिए अपना विज्ञापन बजट 25 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 50 करोड़ रुपये करने की योजना बनाई है। हालांकि बांगड़ का यह भी कहना है कि अगर हालात में सुधार नहीं हुआ तो वे ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार नहीं हैं।
लाफार्ज के क्षेत्रीय विपणन उपाध्यक्ष (पूर्व एवं दक्षिण पश्चिम एशिया) रामकृष्ण मैगांती कहते हैं, ‘लाफार्ज के लिए ब्रांड विकास का प्रमुख वाहक है।’ भारत के पूर्वी बाजारों पर दबदबा रखने वाली इस कंपनी के प्रमुख ब्रांड लाफार्ज के तहत दो उप-ब्रांड हैं – डयूरागार्ड और कंक्रेटो।
मैगांती कहते हैं, ‘एम एस धोनी कंक्रेटो के लिए ब्रांड एम्बेसडर हैं और इस गठजोड़ की सफलता हमारी मजबूत ब्रांड इक्विटी में दिखती है।’ अपनी क्षमता को दोगुना कर लगभग 60 लाख टन करने वाली बिनानी सीमेंट के प्रबंध निदेशक विनोद जुनेजा ने कहा, ‘ब्रांडिंग के बगैर कुछ नहीं बिकता है।
उदाहरण के लिए, अमिताभ बच्चन द्वारा हमारे उत्पादों का प्रचार किए जाने के बाद बिक्री में इजाफा हुआ है।’ कंपनी का विज्ञापन एवं ब्रांडिंग खर्च सीमेंट पर लगभग 45-50 रुपये प्रति टन है। आगामी वर्षों में इसमें 5 फीसदी तक का इजाफा किया जाएगा।
हालांकि कुछ कंपनियों ने ब्रांड एम्बेसडर के रास्ते को अपनाने से परहेज भी किया है। अंबुजा सीमेंट्स का ही उदाहरण ले लीजिए। कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में ब्रांड प्रमोशन पर 54 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए थे, लेकिन किसी भी हाई-प्रोफाइल एम्बेसडर को नहीं रखा।
अंबुजा सीमेंट्स के प्रमुख (कमर्शियल ऐंड मार्केटिंग) अजय कपूर कहते हैं कि ब्रांड एम्बेसडर लाइफस्टाइल और लग्जरी उत्पादों के लिए ज्यादा उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अपने ग्राहकों को ही अपना एम्बेसडर मानते हैं।’
