निजी क्षेत्र का ऋणदाता ऐक्सिस बैंक पेटीएम के साथ काम करना चाहता है, बशर्ते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इसके लिए मंजूरी दे। ऐक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अमिताभ चौधरी ने यह जानकारी दी है।
चौधरी ने ऐक्सिस बैंक की ‘2023 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ सूची जारी करने के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा ‘यह बात नियामकीय मंजूरी पर निर्भर करती है और अगर नियामक हमें पेटीएम के साथ काम करने की अनुमति देता है, तो निश्चित रूप से हम उनके साथ काम करेंगे।
वे फिनटेक उद्योग में महत्वपूर्ण भागीदार हैं।’निजी क्षेत्र के इस ऋणदाता के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बैंक सामान्य कारोबार के लिए पेटीएम के साथ चर्चा कर रहा है और 31 जनवरी, 2024 के बाद वे नए पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं।
ऐक्सिस बैंक के ग्रुप एक्जीक्यूटिव (एफ्लुएंट बैंकिंग, एनआरआई, कार्ड्स ऐंड पेमेंट्स) अर्जुन चौधरी ने कहा ‘हम अपनी सामान्य कारोबारी सेवाओं के लिए पेटीएम के साथ बातचीत कर रहे हैं। 31 जनवरी के घटनाक्रम के बाद हम नई चीजों पर चर्चा कर रहे हैं।’
31 जनवरी, 2024 को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को ‘लगातार अनुपालन न करने’ और ‘सामग्री पर्यवेक्षी संबंधी चिंताओं’ का हवाला देते हुए 29 फरवरी, 2024 से नई जमा स्वीकार करने और लेनदेन करने पर पाबंदी लगा दी थी।
हाल में एचडीएफसी बैंक के भुगतान प्रमुख पराग राव ने कहा है कि बैंक पेटीएम के साथ बात कर रहा है और इस घटनाक्रम का मूल्यांकन कर रहा है तथा भुगतान बैंक पर आरबीआई के आदेश के बाद एचडीएफसी बैंक की ऐप्लिकेशन पर ग्राहकों का खासा रुझान भी देखा गया है।
पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने सोमवार को शेयर बाजारों को अलग से सूचित किया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक की स्वतंत्र निदेशक मंजू अग्रवाल ने व्यक्तिगत कारणों से 1 फरवरी, 2024 को निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। वन97 कम्युनिकेशंस ने 9 फरवरी, 2024 को सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम दामोदरन की अध्यक्षता में समूह सलाहकार समिति बनाने की घोषणा की थी।
सोमवार को बरगंडी प्राइवेट और हुरुन इंडिया ने भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची का तीसरा संस्करण ‘2023 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ पेश किया। रिलायंस इंडस्ट्रीज 15.6 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में उभरी है। इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और एचडीएफसी बैंक का स्थान है। क्षेत्रों के लिहाज से वित्तीय सेवाओं के मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, इसके बाद स्वास्थ्य देखभाल (8 प्रतिशत) और उपभोक्ता वस्तु (7 प्रतिशत) का स्थान रहा।
ऐक्सिस बैंक ने स्वयं को बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में स्थापित किया है। इस ऋणदाता के धन प्रबंधन व्यवसाय में एक साल पहले की अवधि की तुलना में 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ यह साल स्टार्टअप कंपनियों के लिए काफी कठिन रहा। बैजूस, डीलशेयर और फार्मेसी की अगुआई में उद्योग को संयुक्त रूप से चार लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ।