प्रतीकात्मक तस्वीर
ऐपल ने देश में वित्त वर्ष 25 के दौरान असेंबल किए गए आईफोन के लिए कुल फ्रेट ऑन बोर्ड (एफओबी) उत्पादन में 22 अरब डॉलर (1.89 लाख करोड़ रुपये) का आंकड़ा छू लिया है। पिछले वर्ष की तुलना में यह 57 प्रतिशत वृद्धि है। एफओबी से होने वाली कुल आय का 80 प्रतिशत निर्यात से आया है, जबकि शेष (4.5 अरब डॉलर) घरेलू बाजार के लिए फोन असेंबल करने से मिला। वितरण, बिक्री और मार्जिन समेत कुल बाजार मूल्य (घरेलू बाजार और निर्यात में कुल बिक्री) लगभग 33 अरब डॉलर (2.84 लाख करोड़ रुपये) होने का अनुमान है। इससे यह देश की सबसे बड़ी विनिर्माता कंपनियों में से एक बन गई है।
वित्त वर्ष 25 में निर्यात में 75 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गई है जबकि घरेलू उत्पादन भी 12.5 प्रतिशत बढ़ा है। यह देश में प्रीमियम स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता का संकेत है। ऐपल के सीईओ टिम कुक ने कई मौकों पर भारतीय बाजार में अपनी कंपनी द्वारा हासिल की गई सफलता के बारे में बात की है। वह यहां कंपनी के विकास के प्रति काफी आशावान हैं।
आईफोन के कुल उत्पादन मूल्य में निर्यात की हिस्सेदारी में इस साल तेज वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 23 और 24 में यह प्रत्येक वर्ष 71 प्रतिशत आंकी गई थी जबकि अब वित्त वर्ष 25 में यह 9 प्रतिशत अंक बढ़ गई है। यही नहीं, आईफोन का उत्पादन मूल्य वित्त वर्ष 24 में दोगुना होकर 14 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले वर्षों में 7 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 25 में भी इसकी रफ्तार बनी रही।
बाजार में ऐपल का प्रभुत्व इस तथ्य से आंका जा सकता है कि वित्त वर्ष 25 में 24 अरब डॉलर के कुल मोबाइल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 73 प्रतिशत है। यह वर्ष के लिए एफओबी उत्पादन मूल्य से भी बहुत ज्यादा है। खास यह कि ऐपल के आईफोन का बाजार मूल्य वित्त वर्ष 24 में दर्ज किए गए मारुति सुजूकी के राजस्व 1.46 लाख करोड़ रुपये से लगभग दोगुना है। यही नहीं, इसने वित्त वर्ष 24 के लिए टाटा स्टील के 2.29 लाख करोड़ रुपये के राजस्व को भी पीछे छोड़ दिया है। देश में ऐपल की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी सैमसंग इंडिया ने वित्त वर्ष 24 में 1.03 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। यह वित्त वर्ष 25 के दौरान केवल आईफोन के उत्पादन मूल्य से काफी कम है।
इनमें से ज्यादातर कंपनियों ने वित्त वर्ष 25 के लिए अपने नतीजे घोषित नहीं किए हैं। कंपनी की भारी वृद्धि ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत हर साल के लिए निर्धारित अपनी प्रतिबद्धताओं को पार कर लिया है। इसका पता इस तथ्य से भी चल जाता है कि वित्त वर्ष 25 में इसने फोन निर्यात करने के अपने पहले के लक्ष्य को लगभग दोगुना कर दिया है।
वित्त वर्ष 24 तक पिछले तीन वर्षों के दौरान आईफोन का कुल उत्पादन मूल्य लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो 97,000 करोड़ रुपये की पीएलआई प्रतिबद्धता से कहीं अधिक था।