अमेरिका की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने फ्यूचर ग्रुप और उसके प्रवर्तकों को 3.4 अरब डॉलर के सौदे के तहत फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की परिसंपत्तियां रिलायंस रिटेल को बेचने की मंजूरी देने के लिए आगे बढ़ने के बारे में चेतावनी दी है।
फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक किशोर बियाणी, उनकी बेटी अश्नी किशोर बियाणी एवं अन्य प्रवर्तकों को लिखे एक पत्र में एमेजॉन ने कहा कि इस संबंध में वैध, बाध्यकारी एवं निषेधाज्ञा को लागू करने के लिए कानूनी तौर पर उलब्ध सभी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है और इस संबंध में अपने सभी अधिकार सुरक्षित रखता है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि फ्यूचर ग्रुप और उसके प्रवर्तकों द्वारा धोखाधड़ी की गई है।
एमेजॉन ने आरोप लगाया है कि फ्यूचर ग्रुप और उसके प्रमोटरों के ऐसे कपटपूर्ण एवं दुर्भावनापूर्ण आचरण ने एमेजॉन को उसके बोनाफाइड निवेश से वंचित कर दिया है। उसने कहा है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी और दुर्भावनापूर्ण आचरण खुद को और मुकेश अंबानी समूह को अनुचित लाभ दिलाने के इरादे से किया गया है।
एमेजॉन ने 6 जून 2022 को भेजे अपने पत्र में कहा है, ‘प्रवर्तकों और संबंधित कंपनी (फ्यूचर रिटेल सहित) की ओर से की गई सभी कार्रवाई का नेतृत्व विशेष तौर पर किशोर बियाणी और राकेश बियाणी द्वारा किया गया।’ उसने कहा, ‘उपरोक्त कार्रवाई आपराधिक है और उसमें कपटपूर्ण आचरण शामिल हैं। इसके लिए भारतीय दंड संहिता के तहत जुर्माने का प्रावधान है और यह अवमानना भी है।’
एमेजॉन ने फ्यूचर ग्रुप और उसके प्रवर्तकों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर बिक्री प्रक्रिया को आगे न बढ़ाने के लिए आगाह किया है और आपातकालीन मध्यस्थता यानी ईए आदेश के तहत निषेधाज्ञा का पालन करने का आह्वान किया है जिसकी पुष्टि ट्रिब्यूनल द्वारा भी की गई है।
एमेजॉन ने कहा, ‘ध्यान दें कि ईए आदेश में निहित बाध्यकारी निषेधाज्ञा का धोखाधड़ी या दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर उल्लंघन करने किसी भी प्रयास के लिए सभी पक्षों को कानूनी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।’
एमेजॉन ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक कारोबार का हस्तांतरण भी स्कीम ऑफ अरेंजमेंट का हिस्सा था जिसे 29 अगस्त 2020 को फ्यूचर रिटेल के निदेशक मंडल से मंजूरी मिली थी। इसमें भी समझौते के तहत एमेजॉन के अधिकारों का हनन किया गया था।
सकारात्मक चर्चा की नई दलील 16 मार्च के खुलासे में फ्यूचर रिटेल के बयानों को झुठलाती है जिसके तहत फ्यूचर रिटेल ने दावा किया था कि एमडीए ग्रुप ने जबरन रिटेल स्टोरों को अपने कब्जे में कर लिया और उसके निदेशक मंडल ने एमडीए ग्रुप की इस कार्रवाई के लिए कड़ा विरोध जताया था।
एमेजॉन ने आरोप लगाया है कि यह जानकार आश्चर्य होता है कि करीब 1,100 करोड़ रुपये के बकाया किराये के एवज में एमडीए ग्रुप द्वारा फ्यूचर रिटेल के स्टोरों पर जबरन कब्जा किए जाने और उसके राजस्व को झटका दिए जाने के बावजूद फ्यूचर समूह प्रस्तावित लेनदेन पर बातचीत कर रहा है और वह एमडीए ग्रुप के साथ अपना कारोबारी संबंध जारी रखना चाहता है।
एमेजॉन ने कहा कि उसने फ्यूचर रिटेल को अपना ऋण बोझ घटाने के लिए वित्तीय मदद देने की लगातार पेशकश की थी। एमेजॉन ने एक संभावित संस्थागत निवेशक (समारा कैपिटल) के जरिये फ्यूचर रिटेल में 7,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की व्यवस्था की थी।
फ्यूचर ग्रुप ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया।