एमेजॉन ने 290 करोड़ रुपये मुआवजा मांगा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:16 AM IST

किशोर बियाणी की अगुवाई वाले फ्यूचर समूह ने सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर मध्यस्थ को जमा किए दस्तावेजों में कहा कि एमेजॉन ने फ्यूचर-रिलायंस इंडस्ट्रीज सौदे की भरपाई के लिए 4 करोड़ डॉलर (लगभग 290.41 करोड़ रुपये) का मुआवजा मांगा था और सौदे के संबंध में जानकारी नहीं होने का एमेजॉन का दावा गलत है।
पिछले साल अक्टूबर माह में फ्यूचर समूह द्वारा दिए गए हलफनामे के अनुसार एमेजॉन फ्यूचर के आरआईएल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे से अच्छी तरह वाकिफ थी।
दस्तावेज में कहा गया, ‘अगस्त 2020 में, दावेदार (एमेजॉन.कॉम एनवी निवेश होल्डिंग्स एलएलसी) की ओर से अभिजित मजूमदार और तीसरे प्रतिवादी (किशोर बियाणी) तथा 8 वें प्रतिवादी (राकेश बियाणी) के बीच दो फोन कॉल किए गए, जिसमें दावेदार ने फ्यूचर समूह एवं रिलायंस सौदे लेनदेन में मुआवजे के रूप में 4 करोड़ डॉलर की मांग की।’ इसमें कहा गया, ‘एनओए में दावेदार का दावा और आवेदन, जिसमें विवादित लेनदेन के संबंध में कोई जानकारी नहीं होना बताया गया है, वह गलत है।’ 12 अक्टूबर 2020 की तारीख वाला दस्तावेज यह भी बताता है कि फ्यूचर रिटेल ने दावेदार के प्रतिनिधि को रिलायंस के साथ सौदे की जानकारी देने के बाद 29 अगस्त 2020 को सौदे को लेकर एक र्सावजनिक घोषणा की थी।
हालांकि इस मामले पर जानकारी लेने के लिए एमेजॉन को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जबाव नहीं मिला।
29 अगस्त 2020 को फ्यूचर समूह ने घोषणा की थी कि उसका थोक एवं खुदरा कारोबार 24,713 करोड़ रुपये के सौदे में रिलायंस रिटेल को बेच दिया जाएगा। अक्टूबर 2020 को एमेजॉन ने फ्यूचर समूह को एसआईएसी में मध्यस्थता के लिए ले गया औै कहा कि फ्यूचर ने रिलायंस के साथ सौदा करके अनुबंध का उल्लंघन किया। 25 अक्टूबर 2020 को एमेजॉन के पक्ष में एक अंतरिम आदेश पारित किया गया, जिसमें अदालत ने फ्यूचर रिटेल को अपनी संपत्ति का निपटान करने या किसी भी प्रतिभूति को जारी करने से रोकने के लिए कोई भी कदम उठाने से रोक दिया था।

First Published : February 15, 2021 | 11:44 PM IST