उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एमेजॉन पर हेरफेर का आरोप

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:17 AM IST

अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन डॉट कॉम इंक पर यह आरोप लगा है कि कंपनी अपनी वेबसाइट पर बेचे जाने वाले उत्पादों की नकल करने और अन्य विक्रेताओं की कीमत पर अपने कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सर्च इंजन तथा आंतरिक डेटा में फेरबदल कर रही है। हालांकि कंपनी ने आरोपों से इनकार किया है।
लेकिन समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा जांच की गई ईमेल, रणनीतिक पत्र और कारोबारी योजना से जुड़े एमेजॉन के हजारों आंतरिक दस्तावेजों में यह बात सामने आई कि कंपनी ने भारत में अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए नकल वाले उत्पाद तैयार करने और खोज परिणामों में हेरफेर करने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत भारत में अभियान चलाया जो कंपनी के लिए सबसे बड़ा उभरता बाजार है। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि कैसे भारत में एमेजॉन की निजी-ब्रांड टीम ने अन्य कंपनियों द्वारा बेचे गए उत्पादों की नकल करने के लिए एमेजॉन डॉट इन (भारत के लिए कंपनी की वेबसाइट) के आंतरिक डेटा का गोपनीय तरीके से इस्तेमाल किया और फिर अपने ई-कॉमर्स मंच पर उसकी बिक्री की पेशकश भी की।
कर्मचारियों ने एमेजॉन के खोज नतीजों में बदलाव कर एमेजॉन के निजी-ब्रांड उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा दिया ताकि कंपनी के ही उत्पाद ग्राहकों को अधिक नजर आएं। इस रणनीति के पीडि़तों में भारत का एक लोकप्रिय शर्ट ब्रांड, जॉन मिलर भी है जिसका स्वामित्व एक ऐसी कंपनी के पास है जिसके मुख्य कार्यकारी देश के ‘रिटेल किंग’ के नाम से मशहूर किशोर बियाणी हैं। दस्तावेज के मुताबिक एमेजॉन ने जॉन मिलर की शर्ट के गर्दन और आस्तीन की लंबाई के ‘माप का पालन’ करने का फैसला किया।
आंतरिक दस्तावेज यह भी दर्शाते हैं कि एमेजॉन के कर्मचारियों ने एमेजॉन डॉट इन पर अन्य ब्रांडों के ट्रेडमार्क डेटा का अध्ययन किया जिसमें ग्राहकों के बारे में भी विस्तृत जानकारी शामिल होती है। इसका मकसद ‘संदर्भ’ या ‘बेंचमार्क’ उत्पाद माने जाने वाले वस्तुओं की पहचान करना और उन्हें लक्षित करने के साथ उनकी ‘नकल’ वाले सामान तैयार करना था। 2016 की आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक उसी प्रयास के तहत कंपनी ने भारतीय बाजार के लिए ‘सोलिमो’ब्रांड शुरू किया। रिपोर्ट के मुताबिक सोलिमो की रणनीति सरल थी कि ‘उत्पादों को तैयार करने के लिए एमेजॉन डॉट इन से जानकारी लें और फिर इन उत्पादों को हमारे ग्राहकों को बेचने के लिए एमेजॉन डॉट इन मंच का  लाभ उठाएं।’
‘इंडिया प्राइवेट ब्रांड्स प्रोग्राम’ नाम के दस्तावेज में कहा गया है, ‘इस खासियत को उत्पादों में लाना मुश्किल है और इसलिए हमने अपने उनकी ही तरह समान उत्पाद तैयार करने के लिए इन्हीं संदर्भ उत्पादों के निर्माताओं के साथ साझेदारी करने का फैसला किया है।’ साल 2020 में अमेरिका की संसद, कांग्रेस में एमेजॉन के संस्थापक जेफ  बेजोस ने कहा था कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एमेजॉन अपने निजी-लेबल कारोबार को बढ़ावा देने के लिए अपने कर्मचारियों को विक्रेताओं के डेटा का इस्तेमाल करने से रोकती है। 2019 में, एमेजॉन के एक अन्य कार्यकारी ने कहा था कि कंपनी इस तरह के डेटा का इस्तेमाल अपने निजी-लेबल उत्पादों को बनाने या उनके पक्ष में अपने खोज परिणामों को बदलने के लिए नहीं करती है।   

First Published : October 13, 2021 | 11:11 PM IST