भारती एयरटेल के मुख्य कार्याधिकारी गोपाल विट्ठल ने कहा है कि कंपनी अगले कुछ महीनों में वाणिज्यिक तौर पर आउटडोर यूनिट शुरू कर देगी। कंपनी द्वारा वर्ष के अंत तक देशव्यापी तौर पर अपनी वायरलेस होम ब्रॉडबैंड सेवा शुरू किए जाने की संभावना है।
विट्ठल ने कहा है कि कंपनी ने आउटडोर यूनिट जल्द शुरू करने पर जोर दिया है, जिसके लिए ऑर्डर पहले ही जारी किए जा चुके हैं। घर के अंदर और बाहर अच्छा कवरेज प्रदान करने के लिए कंपनी की यह सेवा शुरू की जाएगी।
अगस्त में, कंपनी ने एयरटेल एक्सट्रीम एयरफाइबर को शुरू किया था।
भारत की यह पहली 5जी वायरलेस वाई-फाई सेवा दिल्ली और मुंबई में बगैर फाइबर-आधारित इंटरनेट कनेक्शन वाले क्षेत्रों में इंटरनेट मुहैया कराने के लिए शुरू की गई। उसके बाद रिलायंस जियो ने भी अपनी स्वयं की एयरफाइबर सेवा शुरू की है।
विट्ठल ने कहा कि एयरटेल एयरफाइबर इस साल के अंत तक पूरे देश में शुरू हो जाएगी। उन्होंने यह भी अनुमान जताया कि इस सेवा की पहुंच करीब 6 करोड़ घरों तक होगी, जो रिलायंस जियो के 20 करोड़ के अनुमान से काफी कम है।
उन्होंने कहा, ‘कुल पूर्ति योग्य बाजार निश्चित तौर पर 20 करोड़ घरों का नहीं होगा, क्योंकि इतनी संख्या में परिवार दूरसंचार सेवाओं पर 1,000 रुपये प्रति महीने खर्च करने में सक्षम नहीं होंगे।’
उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) सॉल्युशन फिलहाल कीमतें समान होने की वजह से फाइबर कनेक्शन को बढ़ावा देंगे। मौजूदा समय में कंपनी का 70 प्रतिशत ग्राहक आधार 4जी से जुड़ा हुआ है। विट्ठल ने कहा कि एंट्री लेवल के प्लान और स्मार्टफोन प्लान के बीच अंतर घटकर अब 60 रुपये रह गया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात, दिल्ली, मुंबई या केरल जैसे बाजारों में 2जी मोबाइल का योगदान अब नेटवर्क पर कुल डिवाइस की संख्या का 7-8 प्रतिशत से कम रह गया है। लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान जैसे राज्यों में 2जी इस्तेमाल बड़ी तादाद में बना हुआ है। मेरा मानना है कि अगले 3-5 साल में सभी 2जी मोबाइल उपयोगकर्ता स्मार्टफोन अपनाने लगेंगे।
एयरटेल बड़ी संख्या में स्मार्टफोन पर 4जी पेश करने के बाद अपना 3जी नेटवर्क बंद करने वाली पहली दूरसंचार कंपनी थी। हालांकि उन्होंने यह जोर देकर कहा कि उपयोगकर्ताओं के लिए 800 या 1,000 रुपये के मोबाइल को हटाकर 7,000 रुपये का स्मार्टफोन खरीदने की राह में बड़ी वित्तीय बाधा बनी हुई है।