एम्बेडेड सिम या ई-सिम से खोए हुए उपकरणों (मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच आदि) पर नजर रखना आसान हो जाएगा और इससे कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। भारती एयरटेल के मुख्य कार्याधिकारी गोपाल विट्टल ने मंगलवार को एक सार्वजनिक नोट में यह संभावना जताई।
विट्टल ने एयरटेल ग्राहकों को भेजे गए ईमेल में कहा ‘इसके अलावा चोरी-चकारी की किसी घटना में अगर आपका उपकरण चोरी हो जाता है, तो अपराधियों के लिए आपके ई-सिम से छुटकारा पाना बहुत कठिन होगा क्योंकि वे पारंपरिक सिम से अलग होते हैं, जिन्हें फोन से भौतिक रूप से निकाला जा सकता है। इससे खोए हुए स्मार्टफोन को ट्रैक करना भी आसान हो जाएगा।’
ई-सिम सामान्य सिम कार्ड का ऑनलाइन विस्तार होता है। भौतिक सिम कार्ड के विपरीत ई-सिम उन्नत स्मार्टफोन, लैपटॉप और स्मार्टवॉच जैसे पहनने योग्य उपकरणों में एम्बेडेड चिप होती है। इसे सॉफ्टवेयर के जरिये दूर रहकर ही प्रोग्राम किया जा सकता है और इसे उपकरणों में ही निर्मित किया जाता है।
हालांकि सभी तीनों निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता पिछले साल से भारत में ई-सिम सेवाओं की पेशकश शुरू कर चुकी हैं, लेकिन विट्टल के बयान से पता चलता है कि यह सेवा मुख्य बन रही है और कंपनियां इस प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना चाहती हैं।
विट्टल ने उपभोक्ताओं से अपने दैनिक जीवन में ई-सिम सक्षम उपकरणों को आसानी से शामिल करने का आग्रह किया। जैसे सुबह की जॉगिंग के दौरान ई-सिम सक्षम स्मार्टवॉच का उपयोग करना, जब उनके फोन घर पर रहते हैं।
आज कुछ स्मार्टवॉच और स्मार्टफोन के नए मॉडल ई-सिम से सक्षम हैं। पिछले साल अमेरिका में ऐपल द्वारा पेश की गई आईफोन 14 श्रृंखला केवल ई-सिम वाला ही हैंडसेट है।