फोटो क्रेडिट: Air India Express
एयर इंडिया एक्सप्रेस अगले साल अप्रैल तक एक ऑल-इकोनॉमी एयरलाइन बनने की योजना बना रही है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अलोक सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इसके मौजूदा 60 से अधिक विमानों, जिनमें बिजनेस या प्रीमियम इकोनॉमी सीटें हैं, को पूरी तरह इकोनॉमी क्लास में बदला जाएगा। अभी इनके पास 103 विमानों का बेड़ा है।
एयरलाइन का लक्ष्य 2025-26 में लगभग 30 मिलियन यात्रियों को ले जाना है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक है। इसका कारण यह है कि 2024-25 के अंत में शामिल किए गए विमानों का पूरा प्रभाव 2025-26 में दिखेगा। इस वित्तीय वर्ष में एयरलाइन ने अपने बेड़े में 37 विमान जोड़े हैं।
सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले दो सालों में बोइंग से प्राप्त 50 नए विमानों में से लगभग 45 “व्हाइट-टेल” विमान हैं, जिनमें आगे की केबिन (बिजनेस क्लास आदि) मौजूद हैं।
गौरतलब है कि “व्हाइट-टेल” विमान वह होता है जो निर्माता द्वारा बनाया तो गया हो, लेकिन उसके पूरा होने के समय तक कोई पक्का खरीदार न हो। एयरलाइंस ऐसे विमानों को अपने बेड़े के मानकों के अनुसार रेट्रोफिट (retrofit) करती हैं और अपनी योजना के आधार पर सीटों का लेआउट करती हैं। उपरोक्त 45 व्हाइट-टेल विमानों के साथ-साथ एयर इंडिया से एयर इंडिया एक्सप्रेस को ट्रांसफर किए गए लगभग 10 विमानों, जिनमें आगे की केबिन हैं, को अगले एक साल में रेट्रोफिट के लिए भेजा जाएगा।
सिंह ने कहा, “हम अपने केबिन को मानकीकृत करने जा रहे हैं। सभी विमानों का रेट्रोफिट लगभग एक साल में पूरा हो जाएगा। हम 2026-27 की शुरुआत तक एक ऑल-इकोनॉमी एयरलाइन बन जाएंगे।”
उन्होंने बताया कि जहां 2024-25 में 37 विमान बेड़े में जोड़े गए, वहीं 2025-26 में 15 के करीब विमान जोड़ने की उम्मीद है। सिंह ने कहा, “इन 15 विमानों में से चार एयर इंडिया से मिलेंगे। बाकी 11 या तो व्हाइट-टेल विमान होंगे या ‘लाइन फिट’ (line fit) विमान होंगे (जो खरीदार की कॉन्फ़िगरेशन के अनुसार डिज़ाइन किए जाते हैं)।”
उन्होंने आगे कहा, “2024-25 के बाद के हिस्से में क्षमता का बड़ा हिस्सा आया है। 2025-26 में हम इस वित्तीय वर्ष जितने विमान शामिल नहीं करेंगे, लेकिन उस समय क्षमता का पूरा प्रभाव देखा जा सकेगा। 2025-26 में कम विमान शामिल करने का एक कारण विमान निर्माताओं से नए विमानों की डिलीवरी में देरी भी है। हालांकि, ये डिलीवरी देरी समूह के भीतर कुछ ट्रांसफर से संतुलित हो रही हैं। मोटे तौर पर यह वही है जो हमने सोचा था।”
सिंह ने कहा, “घरेलू बाजार के लिए, ऑल-इकोनॉमी प्रोडक्ट एयर इंडिया एक्सप्रेस मॉडल के तहत बेहतर सेवा देता है। इसलिए, जो विमान पहले से ऑल-इकोनॉमी हैं या जिन्हें ऑल-इकोनॉमी में बदला जाएगा, वे एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास होंगे।” साथ ही उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के विमानों में आगे की केबिन रहेंगी।
बढ़ती हवाई किरायों की चिंताओं के बारे में बात करते हुए, सिंह ने जोर देकर कहा कि एयर इंडिया एक्सप्रेस बेहद प्रतिस्पर्धी किराए की पेशकश जारी रखेगी। सिंह ने कहा, “अगर आप अपनी यात्रा को समझदारी से प्लान करते हैं, तो हमारी अलग-अलग स्कीमों के साथ आपको शानदार छूट मिल सकती है। हालांकि, उन्होंने स्वीकारते हुए कहा कि कुछ व्यस्त समय में मांग क्षमता से अधिक होगी, लेकिन यात्रियों के लिए रियायती किराए पाने के अवसर भी मौजूद होंगे।