भारत में दूरसंचार के क्षेत्र में क्रांति का दौर बदस्तूर जारी है, बल्कि उसकी रफ्तार दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और उसी तेजी के साथ इस क्षेत्र में निवेश भी बढ़ रहा है।
जीएसएम सेवा मुहैया कराने वाली प्रमुख कंपनी एयरसेल ने भी देश भर में अपना नेटवर्क फैलाने के लिए तगड़ा निवेश करने का फैसला कर लिया है। कंपनी इस परियोजना पर 2010 तक लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है।
निवेश पहले ही शुरू
कोलकाता सर्किल में अपनी सेवाएं शुरू करते हुए मैक्सिस कम्युनिकेशंस बरहाड के मुख्य कार्यकारी और एयरसेल के निदेशक संदीप दास ने बताया कि कंपनी इस परियोजना के तहत लगभग 8,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है।
एयरसेल के पास देश के 23 दूरसंचार सर्किलों में जीएसएम सेवा देने के लाइसेंस हैं। उसे सरकार इन सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम भी मुहैया करा चुकी है। दास ने बताया, ‘कोलकाता हमारी सेवाओं वाला 10वां सर्किल है। हमारे पास पूरे भारत में छाने के लिए 13 और सर्किलों का लाइसेंस है।’एयरसेल समूह में मैक्सिस कम्युनिकेशंस की 74 फीसद हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज के पास है।
सेल साइट में निवेश
दूरसंचार बुनियादी ढांचे का जिक्र करते हुए एयरसेल के मुख्य परिचालन अधिकारी गुरदीप सिंह ने बताया कि सेवाएं शुरू करने के पहले साल में ही कंपनी 14,000 अतिरिक्त सेल साइट तैयार करेगी। इसके लिए तकरीबन 6,400 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
फिलहाल कंपनी के पास 7,000 सेल साइट हैं और इनमें से 1 फीसद में साझेदारी चल रही है। कंपनी ने अभी यह तय नहीं किया है कि वह सेल साइट के लिए खुद ही निवेश करेगी या निवेश में भी साझेदारी होगी। निवेश की योजनाओं के बारे में भी दास ने साफ तौर पर कुछ नहीं बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रमोटरों ने अभी इस बारे में कुछ तय नहीं किया है।
दास ने कहा, ‘निवेश के लिए वित्त ऋण और इक्विटी के जरिये इकट्ठा किया जाएगा। हमने सभी विकल्प खुले रखे हैं। हम इसके लिए अधिग्रहण या हिस्सेदारी बेचने जैसे कदम भी उठा सकते हैं। रकम कोई मसला नहीं है। हम तो समूचे भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति चाहते हैं।’
मजबूत उपस्थिति
एयरसेल के देश भर में 108 लाख ग्राहक हैं और जीएसएम बाजार में उसकी 18.2 फीसद हिस्सेदारी है। पिछले कैलेंडर वर्ष में कंपनी ने 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।
अगले साल तक एयरसेल को अपनी ग्राहक संख्या में 80 लाख से 1 करोड़ तक के इजाफे की उम्मीद है। उसे खास तौर पर कोलकाता सर्किल से उम्मीदें हैं क्योंकि वहां मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले दूसरे मेट्रो शहरों के मुकाबले काफी कम हैं। कंपनी के अधिकारियों की मानें, तो कोलकाता में मोबाइल सेवा का घनत्व महज 45 फीसद है, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 105 फीसद, मुंबई में 93 फीसद और चेन्नई में 87 फीसद है। इसलिए उसे कोलकाता में विस्तार की ज्यादा उम्मीद है।