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एयर इंडिया ने बोइंग को विमान डिलिवरी से पहले भुगतान किया

यह ऑर्डर एक बार में विमान खरीद के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा सौदा था। 220 बोइंग विमानों की कीमत करीब 34 अरब डॉलर है

Published by
दीपक पटेल   
अनीश फडणीस   
Last Updated- June 09, 2023 | 10:52 PM IST

एयर इंडिया ने अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग को 220 विमानों के लिए डिलिवरी-पूर्व भुगतान (PDP) किया है। एयरलाइन के मुख्य वित्तीय ​अधिकारी विनोद हेजमादी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

PDP धीरे धीरे चुकाए जाने वाले ऐसे भुगतान होते हैं जिन्हें विमान निर्माता को तब भुगतान किया जाता है जब वे विमान का निर्माण ही कर रहे होते हैं। ऐसे भुगतान के तौर पर विमान की कीमत का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा पहले ही चुका दिया जाता है।

टाटा समूह में शामिल होने के एक साल बाद, एयर इंडिया ने फरवरी में 470 विमानों का ऑर्डर दिया, जिनमें 150 यूरोपीय विमान निर्माता एयरबस और 220 बोइंग के लिए थे। यह ऑर्डर एक बार में विमान खरीद के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा सौदा था। 220 बोइंग विमानों की कीमत करीब 34 अरब डॉलर है।

कर्मचारियों को भेजे संदेश में, हेजमादी ने कहा, ‘आप सभी को यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि कल एयर इंडिया ने विमान सौदे के लिए बोइंग को PDP यानी डिलिवरी-पूर्व भुगतान किया। यह एयर इडिया के इतिहास में सबसे बड़ा सौदा था। कोष का इंतजाम बेहद प्रतिस्पर्धी दरों पर कई बैंकों से किया गया था और बेहद उचित दरों पर इसे डॉलर में परिव​र्तित किया गया।’

उन्होंने कहा कि एयरलाइन के पास फंड की व्यवस्था करने के लिए बेहद कम समय था और पूरा सौदा उसके वित्त विभाग और वा​​णिज्य विभाग की मदद से किया गया।

एयर इंडिया के मुख्य कार्या​धिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक (MD) कैम्पबेल विल्सन ने भी एयरलाइन के उन अ​धिकारियों की प्रशंसा की है, जो इस सौदे को पूरा करने में मददगार थे।

विल्सन ने कहा, ‘मैं बेहद कम समय में हमारे नए बेड़े से जुड़े बड़े वित्तीय सौदे को सफल बनाने वाली वा​णिज्य, वित्त, ट्रेजरी और कानूनी टीमों की प्रशंसा करना चाहूंगा। यह नई एयर इंडिया के लिए एक अन्य ऐतिहासिक सफलता थी। इससे मददगार सभी लोगों को धन्यवाद।’

टाटा समूह संचालित इस एयरलाइन ने बोइंग से 10 वाइड-बॉडी बी777एक्स विमान, 20 बी787 विमान, और 190 नैरो-बॉडी बी 737मैक्स विमान खरीदने का ऑर्डर दिया था। ‘वाइड-बॉडी’ विमान में बड़ा ईंधन टैंक होता है और इससे भारत-अमेरिकी मार्ग जैसी लंबी दूरी पर उड़ानें संचालित करने में मदद मिलती है।

First Published : June 9, 2023 | 8:49 PM IST