भारत में 45 से अधिक टेक सूनीकॉर्न कंपनियां यूनिकॉर्न बनने के कगार पर हैं यानी उनमें से प्रत्येक का मूल्यांकन 1 अरब डॉलर के पार पहुंचने वाला है। भारत के अगले 45 टेक यूनिकॉर्न में शिपरॉकेट, ईकॉम एक्सप्रेस और इंडेजीन जैसी कंपनियां शामिल हो सकती हैं जो फिलहाल सबसे अधिक लेकिन 1 अरब डॉलर से कम मूल्यांकन वाले स्टार्टअप हैं।
यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने की क्षमता रखने वाले भारतीय स्टार्टअप की सफलता का आकलन करने के लिए बिजनेस रिसर्च ऐंड मार्केट इंटेलिजेंस फर्म पीजीए लैब्स (सलाहकार फर्म प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस की इकाई) ने भारत के सूनीकॉर्न परिदृश्य पर एक त्रैमासिक रिपोर्ट तैयार की है जिसका शीर्षक है इंडियाज सूनीकॉन्र्स लैंडस्केप- द नेक्स्ट बिलियन डॉलर स्टार्टअप्स।
यह भारतीय सूनीकॉर्न सूची का चौथा संस्करण है। इस सूची में ऐसे 45 स्टार्टअप शामिल हैं जिनका मूल्यांकन निकट भविष्य में 1 अरब डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है। पीजीए लैब्स ने 2018 से 2021 के बीच 20 करोड़ डॉलर अथवा इससे अधिक मूल्यांकन हासिल करने वाले स्टार्टअप की त्रैमासिक समीक्षा (अक्टूबर से दिसंबर 2021) की है। इस सूची में जिन क्षेत्रों को कवर किया गया है उनमें फिनटेक, लॉजिस्टिक्स और एग्रीटेक शामिल हैं। अन्य क्षेत्रों में एडुटेक, ई-ग्रोसरी, हेल्थटेक, एंटरप्राइजटेक, रिटेलटेक और डिजिटल गेमिंग शामिल हैं। ऐसे शीर्ष मूल्यांकन वाले सूनीकॉर्न में शिपरॉकेट, ईकॉम एक्सप्रेस, इंडेजीन, निंजाकार्ट, नैवी और लिवस्पेस शामिल हैं। इस प्रकार की अन्य कंपनियों में प्रैक्टो, बिजोंगो, खाताबुक और रम्मीसर्किल शामिल हैं।
प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी मधुर सिंघल ने कहा, ‘साल 2022 में सुदृढीकरण दिखेगा क्योंकि बाजार के विजेता उन कंपनियों से खुद को अलग करना शुरू करेंगे जो तेजी विकास करने में समर्थ नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हेल्थकेयर, सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस (सास) और बी2बी जैसे नए क्षेत्रों जबरदस्त स्टार्टअप गतिविधियां दिखेंगी और भारत में बी2बी की रफ्तार बढ़ेगी।’
यूनिकॉर्न मूल्यांकन से पहले वित्त पोषण दौर में स्टार्टअप का औसत मूल्यांकन वित्त पोषण 40 करोड़ डॉलर से 60 करोड़ डॉलर के दायरे में रहने के आसार हैं। इस दायरे में फिलहाल 27 स्टार्टअप हैं। देश में 18 स्टार्टअप ऐसे हैं जिनका मूलयांकन 50 करोड़ डॉलर से अधिक है और वे यूनिकॉर्न बनने के करीब हैं। इसके अलावा फिनटेक, लॉजिस्टिक्स और रिटेलटेक जैसे क्षेत्र निकट भविष्य में ऐसी तमाम कंपनियां सृजित कर सकते हैं जो पहले सूनीकॉन और फिर यूनिकॉर्न बन सकती हैं।
आपूर्ति शृंखला तकनीकी फर्म निंजाकार्ट जल्द ही यूनिकॉर्न बन सकती है। दिसंबर 2021 में ई-कॉमर्स फर्म फ्लिपकार्ट इंडिया और दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने ताजा दौर के तहतर निंजाकार्ट में 14.5 करोड़ डॉलर का संयुक्त रणनीतिक निवेश किया। इससे कंपनी का मूल्यांकन बढ़कर करीब 90 करोड़ डॉलर हो गया।
एक अन्य फर्म डुंजो यूनिकॉर्न बनने के कगार पर है। डुंजो गूगल के निवेश वाली त्वरित ई-कॉमर्स कंपनी है। उसने अपने ताजा दौर के वित्त पोषण के तहत हाल में 24 करोड़ डॉलर जुटाए थे। यह निवेश रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के नेतृत्व में हुआ था और सूत्रों के अनुसार ताजा दौर के वित्त पोषण के बाद डुंजो का मूल्यांकन 80 करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया है।
पिछले साल दिसंबर में ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स फर्म शिपरॉकेट ने भी 18.5 करोड़ डॉलर जुटाए थे। उसके निवेशकों में फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और टेमासेक शामिल थे। इससे शिपरॉकेट का मूल्यांकन बढ़कर करीब 93 करोड़ डॉलर हो गया। इसी प्रकार, निजी इक्विटी फर्म कार्लाइल ग्रुप और ब्रिगटन पार्क कैपिटल ने पिछले साल एंटरप्राइज स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इंडेजीन में 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया था जिससे उसका मूल्यांकन बढ़कर 70 करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया।
