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2026 में सोना 30% चढ़ेगा या 20% गिरेगा? जानें क्या कहती है WGC की रिपोर्ट

WGC के अनुसार, ब्याज दरें, भू-राजनीतिक तनाव और ETF निवेश से सोना रिकॉर्ड ऊंचाई छू सकता है। लेकिन मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था और डॉलर इसे नीचे भी ला सकते हैं

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- December 04, 2025 | 3:29 PM IST

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की नई रिपोर्ट बताती है कि 2026 में सोने की कीमतें मौजूदा स्तर से 15% से 30% तक बढ़ सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वैश्विक ब्याज दरें कम होती रहीं, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता रहा और निवेशक सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने की ओर आते रहे, तो सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल सकता है। WGC का कहना है कि ये तीनों बातें मिलकर सोने की कीमत बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा माहौल बना सकती हैं।

2025 में सोने की जबरदस्त बढ़ोतरी

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में सोने की कीमतों में करीब 53% की बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह अमेरिका में बढ़ते टैरिफ, दुनिया भर में भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोना खरीदना रहा। सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोना 2025 में निवेशकों की पहली पसंद बना रहा, जिससे इसकी कीमतों में लगातार उछाल आया।

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ETF निवेश बन रहा है बड़ी ताकत

WGC ने कहा कि गोल्ड ETFs में लगातार बढ़ती निवेश मांग सोने की कीमतों को ऊपर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। अब तक 2025 में वैश्विक गोल्ड ETFs में 77 अरब डॉलर का निवेश आया है, जिससे उनकी होल्डिंग में 700 टन से अधिक सोना जुड़ गया है। मई 2024 से देखें तो ETF की कुल होल्डिंग लगभग 850 टन बढ़ी है। WGC का मानना है कि यह वृद्धि अभी भी पिछले गोल्ड बुल साइकिल से कम है, यानी निवेश बढ़ने की संभावनाएं अभी भी मजबूत हैं।

सोने में गिरावट की भी संभावना

WGC ने यह भी चेतावनी दी है कि 2026 में सोने की कीमतें 5% से 20% तक गिर भी सकती हैं, अगर अमेरिका की अर्थव्यवस्था ट्रंप की नीतियों की वजह से उम्मीद से ज्यादा मजबूत हो जाती है। ऐसे माहौल में अमेरिका की आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी। बढ़ती ब्याज दरें और मजबूत अमेरिकी डॉलर सोने को कम आकर्षक बना देते हैं, जिससे इसकी कीमतें नीचे जा सकती हैं।

मजबूत डॉलर और बढ़ती यील्ड सोने पर दबाव डाल सकती हैं

WGC के अनुसार, अगर अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है और लंबी अवधि की बॉन्ड यील्ड बढ़ती है, तो निवेशक सोने से पैसा निकालकर अमेरिकी संपत्तियों में निवेश कर सकते हैं। इससे गोल्ड ETFs से भी लगातार पैसा निकल सकता है। ऐसे समय में सोने की कीमतें दबाव में रहती हैं और निवेशकों की दिलचस्पी कम हो जाती है। यह माहौल सोने की कीमतों में 5%–20% तक की गिरावट ला सकता है।

गिरावट में भी खरीदारी का मौका

हालांकि WGC का कहना है कि ऐसी स्थिति में भी खुदरा उपभोक्ता और लंबे समय के निवेशक सोने की गिरती कीमतों को खरीद का मौका समझ सकते हैं। ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि हर गिरावट के समय सोने में नई खरीदारी आती है, जो कीमतों को थोड़ा सहारा देती है।

First Published : December 4, 2025 | 3:29 PM IST