कच्चे तेल की कीमतों में लगी आग, डॉलर में गिरावट और मुद्रास्फीति की मार ने एशिया में सोने की कीमतों को और ऊपर पहुंचा दिया है।
डॉलर में गिरावट के चलते इस साल सोने में अभी तक 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है। इसके अलावा कच्चे माल की चढ़ती कीमतों और मांग में तेजी ने सोने को और चमकने का अवसर मुहैया कराया है, मतलब साफ इस वजह से भी सोने के भाव बढ़ रहे हैं।
स्टैंडर्ड बैंक एशिया लिमिटेड के कारोबारी के सी वांग ने बताया कि यूरो और कच्चे तेल में तेजी की वजह से भी लोग सोना खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 18 अप्रैल को सोने की तुरंत डिलिवरी कीमतों में जो 2.3 फीसदी की गिरावट आई थी, उसमें 0.4 फीसदी का उछाल आकर 3.60 डॉलर प्रति आउंस की बढोतरी हुई और सिंगापुर में इसकी कीमत 920.75 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर पहुंच गई।
जबकि शुरू में इसकी कीमतें 923.04 डॉलर प्रति आउंस के स्तर को छू चुकी थीं। दूसरी ओर चांदी में 0.3 फीसदी की कमी आई और इसकी कीमत 17.8175 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच गई।
सिडनी में कमोडिटी वारंट्स ऑस्ट्रेलिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पीटर मैकगायर कहते हैं कि सोना इस समय स्थिरता के साथ 900 से 950 डॉलर के बीच कारोबार कर रहा है। मैकगायर कहते हैं कि चालू हालत को देखते हुए लंबे समय तक आगे भी सोने में तेजी आना तय है लेकिन हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह कहीं एक दायरे में न बंध जाए।
मई में कच्चे तेल के वायदा कारोबार में 0.3 फीसदी का उछाल आया और इसकी कीमतें 116.05 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई। जबसे न्यू यॉर्क में 1983 से वायदा कारोबार की शुरुआत हुई है, तबसे यह अभी तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।