अच्छी कीमत और बाजार के सकारात्मक रुख के चलते मौजूदा सीजन में गेहूं के रकबा में बढ़ोतरी के आसार हैं।
हालांकि वैश्विक बाजार में कीमतों के घटने और उत्पादन लागत बढ़ने से दुनिया में गेहूं के कुल रकबे में कमी का अनुमान है।
लंदन स्थित अंतरराष्ट्रीय खाद्यान्न परिषद (आईजीसी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि गेहूं की कीमतों के गिरने और ऊंची उत्पादन लागत की वजह से प्रमुख गेहूं उत्पादक देशों में इसके बुआई क्षेत्र में कमी हो सकती है।
इस बीच, भारत में गेहूं की बुआई जोरों पर है। यहां के किसान गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य से संतुष्ट होने के चलते जमकर गेहं, बो रहे हैं। मालूम हो कि सरकार ने गेहूं की एमएसपी 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तय की है।
आईजीसी का अनुमान है कि गेहूं के रकबे में 1.6 फीसदी की कमी होगी और यह घटकर 22.17 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक गेहूं उत्पादन पहले के अनुमान के मुताबिक 68.30 करोड़ टन ही रहेगा।
परिषद ने कहा कि यूरोपीय संघ में अधिक उत्पादन होने से आस्ट्रेलिया के उत्पादन में होने वाली कमी की भरपाई हो जाएगी। मालूम हो कि ऑस्ट्रेलिया में बारिश में देरी के चलते गेहूं की खेती प्रभावित हो रही है।