विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के चक्का जाम से बुधवार को दिल्ली के कारोबार का काम तमाम हो गया। प्रमुख थोक बाजारों की दुकानें दोपहर बाद खुलीं।
जाम की सूचना व स्वतंत्रता दिवस की तैयारी के कारण दोपहर बाद भी खरीदारों की संख्या नगण्य रही। जाम के कारण दिल्ली मेट्रो को जरूर जबरदस्त कमायी हुई। सिर्फ बुधवार की इसकी कमायी 1 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना जतायी जा रही है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड से जुड़े भूमि विवाद को लेकर वीएचपी ने बुधवार को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक चक्का जाम का आह्वान किया था। इस कारण दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लोग घंटों जाम में फंसे रहे। सदर बजार, आजाद मार्केट, गांधी नगर, करोल बाग, कमला नगर जैसे प्रमुख बाजारों के कारोबारी जाम की वजह से दोपहर 12 बजे के बाद अपनी-अपनी दुकानों पर पहुंचने में सफल हुए।
कनफेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स के महासचिव देवराज बवेजा कहते हैं, ‘आजाद मार्केट, आनंद पर्वत व लिबर्टी सिनेमा वाला पूरा का पूरा इलाका जाम था। सदर बाजार के अधिकतर व्यापारी इन्हीं रास्तों से आते हैं। इस कारण दोपहर 12 बजे तक बाजार की 60 फीसदी दुकानें बंद थीं।’
व्यापारियों के मुताबिक कई कारोबारी तो सुबह 11 बजे के बाद ही घर से निकले। व्यापारियों के मुताबिक दोपहर बाद दुकानें तो खुलीं, लेकिन कारोबार बहुत ही कम रहा। बाहर से आने वाले खरीदार नदारद रहे। जबकि सदर बाजार, आजाद मार्केट व करोल बाग जैसे बाजारों में 70 फीसदी खरीदार दिल्ली से बाहर के होते हैं।
उधर जाम से बचने के लिए लोग मेट्रो की ओर लपके, लेकिन वहां भी स्टेशन में प्रवेश के लिए आधे से एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सुबह 10 से 11 के बीच रिठाला-दिलशाद गार्डन एवं द्वारका से इंद्रप्रस्थ जाने वाली मेट्रो लाइन के हर स्टेशन पर जाम सा नजारा रहा। हालांकि इससे मेट्रो को भारी कमायी होने की संभावना जतायी जा रही है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल के मुताबिक मंगलवार को मेट्रो से 8 लाख 27 हजार लोगों ने सवारी की थी और मेट्रो को 95 लाख रुपये की कमायी हुई। बुधवार को निश्चित रूप से इसमें काफी बढ़ोतरी हुई होगी। बुधवार का आंकड़ा गुरुवार को जारी होगा।