उत्तराखंड में मानसून के सामान्य से बेहतर रहने से खरीफ का उत्पादन इस साल काफी अच्छा रहने का अनुमान है।
राज्य के मौसम निदेशक आनंद शर्मा के मुताबिक, इस साल राज्य में मानूसन के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से खरीफ का बंपर उत्पादन हो या न हो बेहतरीन उत्पादन तो जरूर होगा। गौरतलब है कि राज्य की मुख्य खरीफ फसलों में धान, मक्का और मंडुआ शामिल हैं।
राज्य में औसत से ज्यादा बारिश होने के अनुमान के बीच मौसम विभाग ने इस बार सूचना वितरण की पुख्ता व्यवस्था की थी। मौसम विभाग ने पूरे मानसून के दौरान समय-समय पर मौसम पूर्वानुमान जारी किया। इस पूर्वानुमान को विभिन्न माध्यमों के जरिए पूरे राज्य में वितरित किया गया ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।
इन सूचनाओं के आधार पर राज्य विशेषकर तराई के किसानों को पानी के निकास का बेहतर इंतजाम करने में मदद मिली। गौरतलब है कि मौजूदा सीजन में उत्तराखंड में 102.9 सेंटीमीटर बारिश हुई है। सामान्य धारणा है कि औसत बारिश होने पर धान के उत्पादन में वृद्धि जरूर होती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य में गन्ने का उत्पादन भी औसत रहेगा। हालांकि राज्य के कृषि अधिकारी विशेषज्ञों की इस धारणा से सहमत नहीं हैं। गन्ना मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सी. एम. बिष्ट के मुताबिक, पानी जमा होने से गन्ने का सामान्य उत्पादन होने का अनुमान सही नहीं है।
मालूम हो कि पिछले साल राज्य में 4 करोड़ क्विंटल से अधिक गन्ना पैदा किया गया था। सरकारी और सामुदायिक क्षेत्र की 6 और निजी क्षेत्र की 4 मिलों ने क्रमश: 1.87 और 2.24 करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई की थी। शर्मा की ही तरह राज्य का कृषि विभाग भी खरीफ उत्पादन के बारे में सकारात्मक राय रखता है।
कृषि विभाग के निदेशक मदन लाल ने कहा कि यदि सब कुछ सही रहा तो इस साल खरीफ का उत्पादन बढ़िया रहेगा। उनके मुताबिक इस साल मानसून काफी बेहतर रहा है, लिहाजा खरीफ उत्पादन बेहतर रहने का अनुमान है। विभाग को उम्मीद है कि इस साल धान का कुल उत्पादन 5.8 लाख टन रहेगा, जबकि पिछले साल राज्य में 5.49 लाख टन उत्पादन हुआ था।
इस बार धान का रकबा 2.75 लाख हेक्टेयर रहने की उम्मीद है। इस साल अकेले ऊधमसिंह नगर में 3 लाख टन धान पैदा होने का अनुमान है। मंडुआ जो राज्य में दूसरी सबसे अधिक पैदा की जाने वाली फसल है, का उत्पादन इस साल 1.95 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है।
पिछले साल राज्य में 1.82 लाख टन मंडुआ का उत्पादन हुआ था। वैसे 1.35 लाख हेक्टेयर में मंडुआ लगाए जाने का अंदाजा है। मक्के का उत्पादन इस सीजन में 48 हजार टन होने का अनुमान लगाया गया है जबकि पिछले साल तकरीबन 43 हजार टन मक्के का उत्पादन हुआ था।