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टमाटर की बढ़ती कीमतें और सप्लाई अब सिर्फ आम जनता को ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े रेस्ट्रॉ चलाने वालों को भी सताने लगी है। टमाटर की कीमतों के आसमान पर पहुंचने के बीच भारत में कई मैकडॉनल्ड्स स्टोर्स (McDonald’s) ने कुछ समय के लिए टमाटर को अपने मेन्यू से हटा दिया है।
हालांकि, रेस्ट्रॉ मालिकों ने इसके लिए टमाटर की कीमत में हालिया बढ़ोतरी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है और मेन्यू से इसे हटाने को लेकर कुछ और ही वजह बताई है।
मैकडॉनल्ड्स कनॉट प्लाजा रेस्तरां के आउटलेट पर लगाये गए एक नोटिस में कहा गया, “हमारी लाख कोशिशों के बावजूद हमें पर्याप्त मात्रा में क्वालिटी वाले टमाटर नहीं मिल पा रहे है, जो हमारी विश्व स्तरीय कड़ी क्वालिटी चेक में खरे उतर सके।”
नोटिस में कहा गया, “इसलिए, फिलहाल हम आपको टमाटर के बिना अपने प्रोडक्ट्स भेजने के लिए मजबूर हैं। हम टमाटर की आपूर्ति वापस पाने के लिए काम कर रहे हैं।”
देश भर में टमाटर की कीमतें आसमान पर
बता दें कि मैकडॉनल्ड्स भारत में दो मास्टर फ्रेंचाइजी के जरिये काम करता है। एक उत्तर और पूर्वी भारत के लिए संजीव अग्रवाल के नेतृत्व वाला एमएमजी समूह और पश्चिम और दक्षिण के लिए बीएल जटिया के नेतृत्व वाला वेस्टलाइफ ग्रुप।
गौरतलब है कि कई हिस्सों में बारिश के कारण सप्लाई में कमी के चलते देश भर में टमाटर की कीमत बढ़ गई है। कई शहरों में टमाटर की कीमतें 150 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास पहुंच गई है।
टमाटर की कीमतें लगभग 160 रुपये प्रति किलो के आस-पास
ऑनलाइन किराना और सब्जी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट पर एक सर्च के अनुसार, टमाटर की कीमतें लगभग 160 रुपये प्रति किलोग्राम है।
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टमाटर की कीमतें आमतौर पर जुलाई-अगस्त के दौरान बढ़ती हैं क्योंकि मानसून के कारण फसल खराब होने वाली वस्तुओं की कटाई और परिवहन में बाधा आती है।
इसके अलावा ऊंची कीमतों को मार्च और अप्रैल में अचानक तापमान वृद्धि को टमाटर की बढ़ती कीमतों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दरअसल मार्च और अप्रैल में ज्यादा गर्मी पड़ने से टमाटर की फसलों पर कीटों का हमला हुआ, जिसके चलते कम पैदावार हुई और बाजार में इसकी कीमतें बढ़ गई।
साल 2016 में इसी तरह के माहौल में, जब भारत के कुछ हिस्सों में टमाटर की कीमतें बढ़ गई थीं, तो भारत के कई मैकडॉनल्ड्स स्टोर ने अपने मेनू से टमाटर को हटा दिया था।
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