बिस्कुट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:30 PM IST

इंडियन बिस्कुट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईबीएमए) ने आगामी चार सालों में बिस्कुट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बिस्कुट को प्रचलित करने के उद्देश्य से एसोसिएशन देशव्यापी अभियान चलाने जा रही है।


साथ ही मार्च के दूसरे सप्ताह यानी कि 7 से 13 मार्च तक बिस्कुट सप्ताह तो 13 मार्च को बिस्कुट दिवस मनाने का फैसला किया गया है।


हालांकि बिस्कुट निर्माता इसके उत्पादन से जुड़ी चीजों पर आयात शुल्क में कमी नहीं होने से दुखी भी है। इस बारे में एसोसिएशन की तरफ से वित्त मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है।



एसोसिएशन के मुताबिक पूरे देश भर में बिस्कुट का उत्पादन वर्ष 2006-07 में 14.7 लाख मिट्रिक टन हुआ। जबकि वित्तीय वर्ष 2005-06 में बिस्कुट का कुल उत्पादन 13 लाख मिट्रिक टन था तो 2004 – 05 में 11.4  लाख मिट्रिक टन।


2003-04 में यह उत्पादन 10 लाख मिट्रिक टन के स्तर पर था। यानी कि बिस्कुट के उत्पादन में पिछले तीन सालों से लगातार लगभग 14 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है।



एसोसिएशन के महासचिव केपी मोहनदास के मुताबिक बिस्कुट उत्पादन को दोगुना करने के लिए उनकी तरफ से गांव-गांव में बैनर व होर्डिंग्स का सहारा लिया जा रहा है।


प्रचार कार्यक्रम के तहत उपभोक्ता के लिए क्विज प्रतियोगिता व सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा। बिस्कुट एसोसिएशन अपने निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए यूरोप, दक्षिण एशिया के देशों के अलावा चीन व अमेरिका में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजने की भी योजना बना रही है।


2006-06 वित्तीय वर्ष में बिस्कुट उत्पादन का 10 फीसदी हिस्सा निर्यात करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन एसोसिएशन इस दिशा में सरकार से मदद नहीं मिलने के कारण थोड़ी खफा भी है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष बीपी अग्रवाल के मुताबिक कॉर्नफेलेक्स जैसे ब्रेकफास्ट अनाज को बजट में 16 फीसदी उत्पाद शुल्क से पूर्ण छूट दे दी गई।


जबकि बिस्कुट उत्पादन से जुड़े वेजिटेबल ऑयल व पामऑयल पर लगने वाले आयात शुल्क में कोई कमी नहीं गई। एसोसिएशन का यह भी कहना है कि गेहूं, मैदा, तेल व जलावन की कीमत में बढ़ोतरी से बिस्कुट उत्पादन की लागत में भी बढ़ोतरी हुई है।


लेकिन उसके मुकाबले बिस्कुट की कीमत में बढ़ोतरी नहीं की गई है। मोहनदास कहते हैं, ‘बिस्कुट के बाजार में इतनी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है कि कोई भी कंपनी कीमत में बढ़ोतरी करने से डरती है। उन्हें इस बात का भय होता है कि कीमत बढ़ाने से उनका बाजार छीन जाएगा।


उनके मुताबिक पिछले दो-तीन सालों में इसकी कीमत में बहुत ही मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एसोसिएशन की यह भी शिकायत है कि बिस्कुट पर 12.5 फीसदी वैट लगाया गया है जबकि जैम, नमकीन, ब्रेड, आलूचिप्स जैसे खाद्य पदार्थों पर 0 से 4 फीसदी का वैट लगाया गया है।     

First Published : March 10, 2008 | 10:36 PM IST