Sugar export: चीनी का उत्पादन (Production) कम होने और मांग में बढ़ने की वजह से वैश्विक और घरेलू बाजार में चीनी के दाम तेजी से बढ़े हैं। वैश्विक बाजार में चीनी के दाम बढ़ने की वजह से उद्योग अधिक चीनी निर्यात करने की मांग कर रहा है लेकिन घरेलू बाजार में भी चीनी महंगी होने और उत्पादन में कमी को देखते हुए आशंका जताई जाने लगी है कि भारत सरकार चीनी के निर्यात पर रोक लगा सकती है।
वैश्विक बाजार के साथ घरेलू बाजार में चीनी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। मुंबई थोक बाजार में चीनी 30 की कीमत बढ़कर 3630 रुपये, दिल्ली में 3800 रुपये, कानपुर में 3900 रुपये, रांची में 4000 रुपये कोलकत्ता में 4000 रुपये और चेन्नाई में 3800 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई। जबकि इसी महीने 14 अप्रैल को मुंबई में चीनी का थोक भाव 3500 रुपये क्विंटल था।
थोक बाजार में मंहगी चीनी का असर खुदरा बाजार पर पड़ रहा है। खुदरा बाजार में मुंबई में पिछले दो सप्ताह के अंदर चीनी 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 46 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। इस समय देश में सबसे ज्यादा चीनी की कीमत चेन्नाई में 52 रुपये और हैदराबाद में 51 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है।
उत्पादन कम होने के कारण वैश्विक बाजार में चीनी की कीमतें 11 सालों की ऊंचाई पर पहुंच गया। मार्च महीने में व्हाइट शुगर 10 सालों की ऊंचाई पर था। अमेरिका में चीनी का वायदा 24.45 डॉलर तक पहुंचा गया था। जबकि जनवरी 2012 में चीनी के दाम 24.50 डॉलर तक चढ़े थे। अप्रैल महीने में चीनी के 10 फीसदी तक बढ़ चुके हैं।
कीमतों में और वृद्धि को रोकने के लिए सरकार ने मई महीने के कोटे में अतिरिक्त 1.50 लाख टन की वृद्धि की है। इस बढ़ी हुई आपूर्ति से आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट आने की संभावना है।
केन्द्र सरकार ने मई 2023 के लिए 24 लाख टन चीनी बिक्री कोटा जारी किया है। 26 अप्रैल को जारी अधिसूचना में सरकार के खाद्य मंत्रालय ने मई 2023 के लिए देश के 558 मिलों को चीनी बिक्री का 24 लाख टन कोटा आवंटित किया है। मई 2022 के मुकाबले 1.50 लाख टन ज्यादा चीनी आवंटित की गई है। वही पिछले महीने के मुकाबले 2 लाख टन ज्यादा कोटा आवंटित किया गया है।
उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि घरेलू बाजार में अतिरिक्त कोटा जारी करने के साथ अब सरकार का अगला कदम निर्यात पर रोक हो सकता है। सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात को पहले ही मंजूरी दी थी। जिसमें से अभी तक करीब 58-59 लाख टन चीनी निर्यात हो चुका है। मिलों के पास अभी भी एक से दो लाख टन निर्यात की चीनी बची है। निर्यात पर रोक लगने की सबसे प्रमुख वजह वैश्विक और घरेलू स्तर पर चीनी का उत्पादन कम होना है।
इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) के ताजा अनुमान के मुताबिक 15 अप्रैल, 2023 तक देश में चीनी का उत्पादन लगभग 311 लाख टन रहा। इस्मा ने 2022-23 सीजन (एथनॉल में डायवर्जन के बाद) के लिए देश में चीनी उत्पादन अनुमान को 328 लाख टन के रूप में संशोधित किया है, लगभग 40 लाख टन चीनी के समतुल्य एथनॉल के डायवर्जन पर विचार करने के बाद।
अप्रत्याशित रूप से कम गन्ने की पैदावार और वर्षा के असमान वितरण के कारण महाराष्ट्र में पेराई सीजन लगभग 105 लाख टन पर समाप्त हो गया है, कर्नाटक में लगभग 55 लाख टन और उत्तर प्रदेश में लगभग 105 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है।