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आवंटित ब्लॉकों से उत्पादन शुरू करने के लिए संघर्ष

Last Updated- December 12, 2022 | 3:26 AM IST

देश में संशोधित नीति के तहत तेल और गैस के नए इलाकों को विकसित करने के लिए बोली वाली कंपनियां महामारी संबंधी मुश्किलों को देखते हुए उत्पादन में देरी करेंगी। अधिकांश मामलों में महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउनों ने 2018 के बाद से आवंटित क्षेत्रों के विकास को रोक दिया है।
अब तक केंद्र ने नीलामी के पांच चरणों में राजस्व साझाकरण व्यवस्था के तहत 105 ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) ब्लॉकों का आवंटन किया है। ओएएलपी बोली चरणों में अधिकांश ब्लॉक पेशकश के तहत वेदांत, तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया (ओआईएल) को आवंटित किए गए। वैश्विक दिग्गज बीपी पीएलसी और इसके साझेदार रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने भी एक ब्लॉक हासिल किया था।
इन सभी कंपनियों ने महामारी को देखते हुए परियोजना को लागू करने की समय सीमा में केंद्र द्वारा मिली छूट का लाभ लिया है।
आरआईएल की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र ने केजी-यूडीडब्ल्यू1 ब्लॉक के लिए आरंभिक अन्वेषण चरण को 341 दिन का विस्तार दिया है। आरआईएल-बीपी के संयुक्त उद्यम को यह ब्लॉक दूसरे ओएएलपी लाइसेंसिंग चरण में दी गई थी। आरआईएल ने कहा कि पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस (पीईएल) अगस्त 2019 में जारी किया गया था और ब्लॉक में 3डी भूकंपीय अधिग्रहण अभियान चलाया गया था।
देश में केयर्न ऑयल ऐंड गैस के पास फिलहाल 51 ओएएलपी ब्लॉक हैं। यह कंपनी वेदांत लिमिटेड का हिस्सा है। इन ब्लॉकों में पहले ओएएलपी चरण में जीते 41 ब्लॉक और दूसरे तथा तीसरे चरण में जीते 5-5 ब्लॉक शामिल हैं। वेदांत के पास दूसरे खोजे गए छोटे क्षेत्र के लिए बोली चरण में भी हासिल दो ब्लॉक हैं।
केयर्न ऑयल ऐंड गैस ने बिजनेस स्टैंडर्ड की ओर से ईमेल के जरिये पूछे गए प्रश्नों जवाब में कहा, ‘ओएएलपी ब्लॉकों और चालू परियोजनाओं को पूरा करने पर कोविड-19 का खासा असर पड़ा है। हमने ओएएलपी अन्वेषण समयसीमा में विस्तार देने की मांग की थी क्योंकि लॉकडाउनों के कारण अन्वेषण का काम बाधित हुआ है। पिछले वर्ष सरकार ने 28 फरवरी, 2021 तक के लिए 341 दिनों की अतिरिक्त समय सीमा दी थी। हालांकि, दूसरी लहर के कारण समय में और अधिक विस्तार देने की जरूरत होगी।’
यह दूसरा विस्तार मोटे तौर पर महामारी के चालू दूसरी लहर के कारण है जिसने घरेलू ओर अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार की आवाजाही को प्रतिबंधित किया। इसके कारण जमीन पर काम प्रभावित हो रहा है। वेदांत ने कहा, ‘पिछले वर्ष कोविड-19 की परिस्थिति और इस बार आई दूसरी लहर ने योजना के क्रियान्वयन और आगे की योजना को पटरी से उतार दिया है। देश में समग्र बुनियादी ढांचे पर भी दबाव नजर आ रहा है जिससे परिचालन बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।’         
क्रियान्वयन होने से कंपनियों को प्रतिबद्घ कार्य कार्यक्रम (सीडब्ल्यूपी) को पूरा करने में सहूलियत होती है।
ओएनजीसी को पांच चरणों में 24 ब्लॉक हासिल हुए। कंपनी ने हासिल किए गए ओएएलपी ब्लॉकों में करीब 850 करोड़ रुपये का निवेश किया।
सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 25 ब्लॉक हासिल किए जिनमें से 12 उत्तर पूर्वी राज्यों में, पांच-पांच राजस्थान और ओडिशा में, दो अंडमान द्वीप में और एक केरल-कोंकण के उथला अपतटीय क्षेत्र में है। किसी ओएएलपी ब्लॉक में भौतिक गतिविधि शुरू करने के मामले में यह अन्य परिचालकों से एक छलांग आगे रही और अपने अधिग्रहित ब्लॉकों में से एक में भूकंपीय डेटा अधिग्रहण पूरा करने में वह पहले स्थान पर रही।

First Published - June 21, 2021 | 11:39 PM IST

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