facebookmetapixel
खेतों में उतरी AI तकनीक: कम लागत, ज्यादा पैदावार और किसानों के लिए नई राहChildren’s Mutual Funds: बच्चों के भविष्य के लिए SIP, गुल्लक से अब स्मार्ट निवेश की ओरDPDP एक्ट से बदलेगी भारत की डिजिटल प्राइवेसी की दुनिया: DSCI CEOसीनियर सिटिजन्स के लिए FD पर 8% तक का ब्याज, ये 7 छोटे बैंक दे रहे सबसे ज्यादा रिटर्नMarket Outlook: विदेशी निवेशकों का रुख, डॉलर की चाल, व्यापक आंकड़े इस सप्ताह तय करेंगे शेयर बाजार की दिशाSMC Bill 2025: क्या घटेगी सेबी की ताकत, निवेशकों को मिलेगा ज्यादा भरोसा? जानिए इस विधेयक की खास बातेंघर बनाने का सपना होगा आसान, SBI का होम लोन पोर्टफोलियो 10 ट्रिलियन पार करेगाMCap: 6 बड़ी कंपनियों का मार्केट वैल्यू बढ़ा ₹75,257 करोड़; TCS-Infosys की छलांगVedanta डिमर्जर के बाद भी नहीं थमेगा डिविडेंड, अनिल अग्रवाल ने दिया भरोसाRailway Fare Hike: नए साल से पहले रेल यात्रियों को झटका, 26 दिसंबर से महंगा होगा सफर; जानें कितना पड़ेगा असर

टैरिफ टेंशन से ऑल टाइम लो पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 88.21 पर बंद; एशियाई मुद्राओं में सबसे कमजोर प्रदर्शन

एशियाई मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले इंडोनेशियाई रुपिया के बाद भारतीय रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इससे पहले 5 अगस्त को रुपये ने 87.80 का निचला स्तर छुआ था।

Last Updated- August 29, 2025 | 10:57 PM IST
Rupee
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

डॉलर के मुकाबले रुपया 0.65 फीसदी गिरकर आज 88.21 पर बंद हुआ, जो इसका अभी तक का सबसे निचला स्तर है। गुरुवार को रुपया 87.63 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी शुल्क लगाए जाने की चिंता से विदेशी पूंजी निकासी बढ़ी है जिसका असर रुपये पर भी पड़ा।

एशियाई मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले इंडोनेशियाई रुपिया के बाद भारतीय रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इससे पहले 5 अगस्त को रुपये ने 87.80 का निचला स्तर छुआ था जबकि इस साल फरवरी में इंट्राडे में यह 87.95 तक पहुंच गया था। अगस्त में रुपये में 0.66 फीसदी की नरमी आई है, जो मई के बाद किसी महीने में सबसे ज्यादा गिरावट है। इस साल अभी तक रुपये में 3.02 फीसदी की गिरावट आई है और एशियाई मुद्राओं में सबसे खराब प्रदर्शन रहा।

डीलरों ने बताया कि दिन के कारोबार में रुपया 88.31 डॉलर प्रति डॉलर तक पहुंच गया जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक को मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करना पड़ा। इससे नुकसान को कुछ हद तक कम करने में मदद मिली। रुपये में गिरावट से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और इस तरह शुल्क के कुछ नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकेगा।

भले ही अमेरिका को भारतीय निर्यात सकल घरेलू उत्पाद का 2 फीसदी से थोड़ा ही अधिक हो मगर उच्च शुल्क से रत्न एवं आभूषण, चमड़ा और वस्त्र जैसे क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे काफी छंटनी होने की आशंका है।

शिन्हान बैंक के ट्रेजरी प्रमुख कुणाल सोधानी ने कहा, ‘शेयर बाजार से निकासी, भारत पर ट्रंप शुल्क का दबाव, महीने के अंत में डॉलर की मांग और रुपया-युआन की चाल से रुपये पर दबाव बना हुआ है। 87.95 का स्तर टूट गया, आगे कुछ समय तक रुपये में नरमी बनी रह सकती है।’

रुपया 88.5-89 डॉलर तक जा सकता है। बाजार के भागीदारों ने कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार धीरे-धीरे होने वाले अवमूल्यन से सहज हो सकते हैं लेकिन उम्मीद है कि आरबीआई कुछ कदम जरूर उठाएगा।

इस बीच 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड बढ़कर 6.57 फीसदी हो गई। गुरुवार को यह 6.53 फीसदी रही थी। साप्ताहिक नीलामी में कट-ऑफ यील्ड बाजार की उम्मीदों से अधिक रहने के कारण दिन के कारोबार में यह 6.60 फीसदी तक पहुंच गया था।

First Published - August 29, 2025 | 10:42 PM IST

संबंधित पोस्ट