लाल सागर में हमले से भारत में सूरजमुखी तेल का आयात प्रभावित हो सकता है। कारोबारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि भारत के सूरजमुखी तेल के आयात में आने वाले महीनों में गिरावट आ सकती है क्योंकि माल ढुलाई दरों में बढ़ोतरी के कारण इसकी कीमतों में तेजी आ रही है। इससे खरीदार छूट पर उपलब्ध प्रतिद्वंद्वी वनस्पति तेलों की ओर रुख कर रहे हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा सूरजमुखी तेल खरीदार भारत आमतौर पर अपना अधिकांश आयात लाल सागर के माध्यम से काला सागर क्षेत्र से करता है।
हालांकि हाल के हूती हमलों ने शिपिंग कंपनियों को अफ्रीका के आसपास होकर यूरोप और एशिया के बीच व्यापार को फिर से करने के लिए मजबूर कर दिया है। जिससे समय और लागत बढ़ गई है।
खाद्य तेल ब्रोकरेज कंपनी सनविन समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप बाजोरिया ने कहा कि बढ़ी हुई माल ढुलाई दरों ने लगभग एक साल में पहली बार भारत में सूरजमुखी तेल की लागत को सोया तेल से ऊपर उठा दिया है। सूरजमुखी तेल सोया तेल से सस्ता था। इसलिए पिछले कुछ महीनों में सोया तेल की तुलना में मूल्य लाभ के कारण सूरजमुखी तेल का आयात मजबूत हुआ। अब भाड़ा बढ़ने से सूरजमुखी तेल के लिए यह लाभ की स्थिति नहीं रही।