किशमिश आयात में होगी 8 फीसदी की बढ़ोतरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:01 PM IST

त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ किशमिश की मांग में आई तेजी के कारण इस साल भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार से अधिक मात्रा में इसका आयात करना पड़ सकता है।


किशमिश का इस्तेमाल मुख्य रूप से मिठाइयों, टॉफियों और आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। अमेरिकी कृषि विभाग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत की विदेशों से किशमिश की खरीदारी वर्ष 2008-09 के दौरान 8.25 प्रतिशत बढ़कर 11,150 टन हो सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार एक वर्ष पहले की अवधि में भारत ने 10,300 टन किशमिश खरीदी थी। पिछले पांच वर्षो में किशमिश का आयात लगभग तीन गुना बढ़ा है। किशमिश का विपणन वर्ष अगस्त 2008 से जुलाई 2009 के बीच रहेगा। यानी इसका विपणन चक्र अगस्त से जुलाई तक का होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत किशमिश के लिए आयात पर निर्भर करता है।

किशमिश को लगभग छह महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है और इसका व्यापक तौर पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, ईरान, जापान और थाइलैंड से आयात किया जाता है। व्यापारियों के अनुसार किशमिश की सामान्य मांग पूरे साल देखी जा सकती है तथा त्योहारों और शादी विवाह के दिनों में इसकी मांग बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि किशमिश की घरेलू मांग ज्यादा नहीं है, लेकिन रेस्तरां, स्टार होटल, कैटरर्स और मिठाई एवं टॉफी निर्माता इसके मुख्य ग्राहक हैं। इस बीच दुनिया भर में किशमिश का उत्पादन वर्ष 2008-09 के दौरान एक लाख टन बढ़कर 12 लाख टन होने का अनुमान है और इस बढ़ोतरी में तुर्की का योगदान लगभग 60 प्रतिशत होगा।

First Published : September 5, 2008 | 11:28 PM IST