सीमेंट कंपनियों का मुनाफा बढ़ा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 11:15 PM IST

घरेलू सीमेंट उद्योग में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारी मात्रा में लदान हुआ। इस दौरान तेल की कीमतें और पैकेजिंग खर्च कम रहा।


हालांकि अभी बहुत कम कंपनियों ने तीसरी तिमाही का आंकड़ा पेश किया है, लेकिन अब तक के रुझानों से अनुमान लगाया जा रहा है कि  दूसरी तिमाही की तुलना में उनका प्रदर्शन बहुत बढ़िया रहेगा। दरअसल जुलाई सितंबर ( दूसरी तिमाही) में सीमेंट कंपनियों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।

जेके लक्ष्मी सीमेंट के निदेशक शैलेंद्र चौकसे ने कहा, ‘बेहतर प्रदर्शन का पहला कारण देखा जाए तो यह है कि तीसरी तिमाही के दौरान तेल की कीमतें कम रहीं और इसके साथ ही लदान भी भारी मात्रा में हुई।

इसके साथ कंपनी ने अपने बिक्री के विभिन्न इलाकों में भी बदलाव करके खर्च कम करने की कोशिश की है। चौथी तिमाही में भी तेल की कीमतें कम रहेंगी और हमें अनुमान है कि प्रदर्शन बेहतर रहेगा।’

इस कंपनी की कुल बिक्री में दूसरी तिमाही की तुलना में बहुत ज्यादा इजाफा तो नहीं हुआ है, लेकिन शुध्द लाभ में 108 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

तीसरी तिमाही में पैकेजिंग के खर्च में भी दूसरी तिमाही की तुलना में 21 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है। पॉलीप्रॉपलीन की बोरियां, जो सीमेंट की पैकेजिंग में उपयोग में आती हैं, इनकी कीमतें 7 रुपये से घटकर 5.5 रुपये पर आ गई हैं।

इस दौरान आयातित कोयले की कीमत भी 52,00 रुपये प्रति टन रहीं, जिसमें दूसरी तिमाही की तुलना में 27 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट की कुल बिक्री में इस दौरान 15 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जबकि दूसरी तिमाही की तुलना में शुध्द लाभ में 45 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि अगर पिछले साल की समान अवधि से तुलना की जाए तो यह लाभ अभी भी बहुत कम है। ऐसा इसलिए हुआ है कि पिछले साल की तुलना में सीमेंट उद्योग में प्रयोग में आने वाले कच्चे माल की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

नवंबर 2008 के बाद से तेल की कीमतों में कमी आनी शुरू हो गई। वास्तव में इसका प्रभाव चौथी तिमाही में पूरी तरह से नजर आएगा। इसकी प्रमुख वजह यह है कि कंपनियों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले तेल के नए ऑर्डर इसी तिमाही में लागू होने हैं।

अल्ट्रॉटेक के मुताबिक, इसकी कीमतों में अन्तर 35 प्रतिशत के करीब है।सीमेंट उत्पादक संघ के अध्यक्ष और श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक एचएम बांगुर ने कहा, ‘मानसून के बाद बढ़ी मांग की वजह से तीसरी तिमाही में प्रदर्शन बेहतर रहा।

बहरहाल यह मांग उतनी ही बनी रहने का अनुमान है।’ पूरे भारत में तीसरी तिमाही में सीमेंट बिक्री को देखें तो यह 447.4 लाख टन रही जो दूसरी तिमाही के 415.3 लाख टन से 7.72 प्रतिशत ज्यादा है।

लागत घटने और तेल की कीमतों में गिरावट से फायदा


कंपनी               कुल लाभ (करोड़ रुपये)             प्रतिशत बदलाव
                   दूसरी तिमाही     तीसरी तिमाही
अल्ट्राटेक             164.19             238.38                          45.17
जेके लक्ष्मी          26.88                56.4                          108.48
प्रिज्म                   15.01                 31.03                        106.72

First Published : January 27, 2009 | 10:45 PM IST