मौजूदा वैश्विक मंदी से भारतीय रसायन उद्योग को एक अनोखी चुनौती मिल रही है। भारतीय कंपनियों को वैश्विक रसायन आपूर्तिकर्ताओं से कड़ी टक्कर मिल रही है । जो इस विकासशील भारतीय बाजार में बड़ी मात्रा में मौजूद संभावनाओं को भुना रहे हैं। भारतीय उद्योग को यह शिकायत है कि सस्ते आयात के कारण पॉलिमर, पेट्रोकेमिकल […]
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्टील की कीमतें दरकते हुए अपनी बुलंदियों से 60 फीसदी लुढ़क चुकी है और घरेलू बाजार में भी यह 25 फीसदी फिसला है। ऐसे में आने वाले साल में स्टील इंडस्ट्री में मार्जिन का स्तर कमोबेश उसी तरह रहने के आसार हैं, जैसा उस समय था, जब इसकी कीमतें सातवें आसमान पर […]
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वैश्विक मंदी की मार जिन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा हुई है, उनमें आधारभूत धातुओं (बेस मेटल) का नाम सबसे ऊपर आता है। जानकारों के अनुसार, 2009 की पहली छमाही में मांग घटने के चलते आधारभूत धातु उद्योग के जूझने के आसार हैं। हालांकि दूसरी छमाही में उत्पादन में हो रही मौजूदा कटौती का असर दिखने […]
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अगले साल यानी 2009 में सीमेंट की कीमतों में 15 रुपये प्रति बोरी की कमी होने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक, सीमेंट का बुरा दिन अभी आने वाला है। अगले साल की पहले छमाही तो थोड़ा बेहतर भी रहेगा पर दूसरी छमाही बेहद बुरा बीतने वाला है। कीमतों में कटौती की वजह सीमेंट की […]
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रसायन बाजार का समीकरण बिगड़ चुका है। वर्ष 2008 के आरंभ में सब कुछ सही चल रहा था। कारोबार का रसायन तेज आंच पर अपना काम कर रहा था। अचानक चीन से आने वाले रसायन बाजार से गायब हो गये। घरेलू रसायन की निकल आयी और कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गयी। तभी से रसायन […]
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प्लास्टिक बाजार साल भर ‘टाइट’ रहा। कभी कच्चे माल में भारी तेजी के कारण तो कभी मंदी के कारण। डॉलर की मजबूती ने भी प्लास्टिक को कमजोर बनाने में भूमिका निभायी। वर्ष 2007 के मुकाबले कारोबार में 25 फीसदी तक की गिरावट रही। आने वाले नए साल में भी प्लास्टिक बाजार की कोई नई तस्वीर […]
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विश्व भर में छाई आर्थिक मंदी के बावजूद 2009 में तिलहन और खाद्य तेल की कीमतों में 20 फीसदी उछाल की संभावना है। ऐसे में जनवितरण प्रणाली के तहत सस्ता खाद्य तेल वितरित करने की नीति के चलते सरकार के कोष पर करीब 1,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक, […]
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साल 2009 में चीनी की कीमत उपभोक्ता की जेब पर भारी पड़ने वाली है। ये कीमत हर हाल में साल 2008 के मुकाबले ज्यादा रहने की संभावना है। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चीनी की खपत के मुकाबले चीनी के उत्पादन में कमी होने वाली है। चीनी के घरेलू उत्पादन में 25 फीसदी […]
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सब्जी बाजार के लिए गुजरा हुआ साल जहां कीमतों के भारी उतार-चढ़ावों से भरा हुआ रहा, वहीं नया साल कीमतों में गिरावट की संभावना के चलते नई उम्मीदें लेकर आ रहा है। आजादपुर सब्जी मंडी के थोक कारोबारियों का कहना है कि जनवरी महीने में टमाटर, आलू, प्याज व पालक, कद्दू और फूल गोभी जैसी […]
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चार साल तक बढ़ोतरी की लंबी छलांग लगाने के बाद जिंस वायदा कारोबार अब एकीकरण की तरफ बढ़ने लगा है। साल 2008 में कमोडिटी एक्सचेंजों में से कुछ ने कारोबार बढ़ाने के लिए धातु व ऊर्जा क्षेत्र का रुख किया क्योंकि कृषि जिंस वायदा में राजनीतिक रोड़ा अटकने लगा था। अब एक बार फिर परिस्थितियां […]
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