पिछले पांच महीनों में पहली बार कच्चे तेल की कीमत के 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चले जाने के बाद ओपेक ने अपने तेल उत्पादक सदस्य देशों के लिए 2.88 करोड़ डॉलर प्रतिदिन का उत्पादन कोटा तय किया है।
साथ ही ओपेक ने सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे तेल उत्पादन कोटे का सख्ती से पालन करें। दुनिया के 40 फीसदी कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले इस संगठन के तेल मंत्रियों की ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में मंगलवार को हुई बैठक में तय हुआ कि इसके 11 देशों का कुल उत्पादन कोटा 2.88 करोड़ बैरल प्रतिदिन होगा।
ओपेक प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में सदस्यों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि तेल उत्पादन इस वक्त ज्यादा हो रहा है, लिहाजा उत्पादन में कमी की जाए। इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण फैसले में इंडोनेशिया को ओपेक की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। उधर, ओपेक द्वारा उत्पादन कोटा तय करने से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखी गई।
बुधवार को न्यू यॉक मर्केंटाइल एक्सचेंज में कच्चे तेल की कीमतों में 1.4 फीसदी का उछाल आया और यह 104.67 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। दरअसल, ईरान और वेनेजुएला काफी दिनों से मांग कर रहे थे कि कच्चे तेल की कीमतों में आ रही कमी के मद्देनजर ओपेक के उत्पादन कोटे में कमी की जाए, ताकि तेल में मजबूती आ सके।
वेनेजुएला के तेल मंत्री राफेल रामीरेज ने कहा कि ओपेक कच्चे तेल की कीमत को 100 डॉलर के आसपास बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगा। 11 जुलाई को कच्चे तेल की कीमतें 147 डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई थी। पिछले दो महीने में इसकी कीमतों में तकरीबन 30 फीसदी की कमी आ चुकी है। मंगलवार को तो लंदन में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चली गई।