मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, 1960 के बाद मानसून की होने वाली यह दूसरी सबसे देर वापसी है। पिछले साल भी मानसून ने बड़ी देर से वापसी शुरू की थी। देश के पश्चिमी हिस्से से मानसून की वापसी पिछले साल 30 सितंबर से शुरू हुई थी। इस तरह, पिछले साल की तुलना में इस बार मानसून की वापसी महज एक दिन पहले शुरू हुई है। वैसे 1964 और 1970 में मानसून की वापसी 28 सितंबर को जबकि 1990 में 27 सितंबर को शुरू हुई थी। सामान्यत: दक्षिणी-पश्चिमी मानसून राजस्थान के सबसे पश्चिमी इलाके से सितंबर के पहले हफ्ते से लौटना शुरू करता है। 15 सितंबर के आसपास तो मानसून पूरे राजस्थान और इलाके से दूर चला जाता है।
मानसून विभाग द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, 1 जून से 25 सितंबर देश में 8.64 सेंटीमीटर बारिश हुई जो बारिश के सामान्य स्तर से 1 फीसदी कम है। लंबे समय के लिए मौसम विभाग का जो बारिश का औसत है इस बार की बारिश उसी औसत के बिल्कुल पास रही है। 16 अप्रैल को जारी पूर्वानुमान में भारतीय मौसम विभाग ने बताया था कि इस बरसात में लंबे समय के औसत की 99 फीसदी बारिश होगी। हालांकि 30 जून को अपने संशोधित पूर्वानुमान में उसने बताया कि इस बरसात में लंबे समय के औसत की 100 फीसदी बारिश (8.9 सेंटीमीटर) होगी। हालांकि, देश के कई इलाकों के लिए मौसम विभाग की गई काफी कम बारिश की भविष्यवाणी इस साल भी सच साबित हुई।