मोदी ने फिर दिलाया एमएसपी बने रहने का भरोसा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 1:40 AM IST

कृषि क्षेत्र से संबंधित तीन विधेयकों को लेकर देश भर में हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन और एक केंद्रीय मंत्री के इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र सरकार ने इन कानूनों के लाभ गिनाते हुए शुक्रवार को कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मौजूदा व्यवस्था आगे भी बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 24 घंटे के भीतर दूसरी बार किसानों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है। उन्होंने इन प्रस्तावित कानूनों को कृषि क्षेत्र एवं किसानों के हित में बताते हुए कहा कि एमएसपी की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।
केंद्र सरकार का यह कदम उन खबरों के बाद आया है जिसमें कुछ राज्यों में विधेयकों के प्रभाव को कम करने का जिक्र है। राजस्थान जैसे कांग्रेस शासित राज्य ने कुछ दिन पहले ही एक आदेश पारित किया है जो भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) या केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राजस्थान राज्य भंडारण निगम के तहत संचालित सभी गोदामों को खरीदी केंद्र घोषित करता है। इस आदेश के बाद ये सभी गोदाम मंडी शुल्क के दायरे में आ जाएंगे।
उधर, अपुष्ट खबरों के मुताबिक कुछ राज्य सरकारें बासमती चावल के कारोबारियों से लिए जाने वाले मंडी शुल्क को कम करने के बारे में विचार कर रही हैं। इन कारोबारियों ने शुल्क कम न होने पर खरीद बंद करने की धमकी दी हुई है।
इन सबके बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए विधेयकों का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि इनसे किसानों को आजादी और एक सुरक्षा आवरण मिला है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर बिचौलियों के साथ खड़े होने और झूठ बोलकर किसानों को बरगलाने का आरोप भी लगाया। प्रधानमंत्री ने बिहार में कई रेल परियोजनाओं की वर्चुअल आधारशिला रखते हुए कहा, ‘कुछ लोग यह गलत जानकारी फैला रहे हैं कि सरकार किसानों को एमएसपी नहीं देगी और उनसे गेहूं, चावल एवं अन्य पैदावार की खरीद नहीं की जाएगी। यह किसानों को धोखा देने के लिए बोला जा रहा बड़ा झूठ है।’
कांग्रेस का नाम लिए बगैर मोदी ने कहा कि कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम में संशोधनों का विरोध कर रहे लोगों ने खुद ही अपने घोषणापत्र में इसका वादा किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार रात को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफा देने के बाद ट्विटर पर भी इन विधेयकों का बचाव किया था। गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र का कायाकल्प होगा और किसान बिचौलियों के चंगुल से आजाद हो जाएंगे। कांग्रेस ने इस मामले में सरकार के खिलाफ  आक्रामक तेवर बरकरार रखा है। राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार अपने कॉर्पोरेट दोस्तों को खुश करने के लिए किसानों को लूटने की कोशिश कर रही है।

First Published : September 18, 2020 | 11:16 PM IST